
Ghaziabad zone system improvement: उत्तर प्रदेश का तेजी से बढ़ता शहर गाजियाबाद अब एक नए विकास मॉडल की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। शहर की आबादी, बुनियादी सुविधाओं और निर्माण कार्यों की निगरानी को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) अब अपने जोन सिस्टम को और ज्यादा व्यवस्थित और सेक्टरबद्ध करने जा रहा है।
इस नई योजना की शुरुआत जोन-1 से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की जा रही है। यहां राजनगर एक्सटेंशन, नंदग्राम और आसपास के गांवों को चार अलग-अलग सेक्टरों में बांटने की तैयारी है।
गाजियाबाद जैसे तेज़ी से फैलते शहर में अवैध निर्माण, कूड़ा निस्तारण, स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था और साफ-सफाई जैसी समस्याएं प्रशासन के सामने लगातार चुनौती बनकर उभर रही हैं। जीडीए के अनुसार, जब पूरे जोन को छोटे-छोटे सेक्टरों में बांटा जाएगा, तो हर इलाके पर सीधी नज़र रखी जा सकेगी और काम में पारदर्शिता आएगी। यह मॉडल इसलिए अहम है क्योंकि इससे ज़िम्मेदारियों का स्पष्ट बंटवारा, नियमित निरीक्षण और तत्काल कार्रवाई संभव हो सकेगी।
यह भी पढ़ें: 27,000 स्कूल बंद होंगे? विपक्ष का दावा, सरकार का जवाब... पढ़िए पूरा मामला
इससे न केवल अवैध निर्माण पर लगाम लगेगी, बल्कि जनता को समय पर मूलभूत सुविधाएं भी मुहैया कराई जा सकेंगी।
जीडीए उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने बताया कि यह एक मॉडल प्लानिंग सिस्टम की तरह कार्य करेगा। यदि जोन-1 में यह प्रयोग सफल रहता है, तो इसे शहर के सभी आठ जोनों में लागू किया जाएगा। उनके अनुसार, यह पहल गाजियाबाद को योजनाबद्ध, साफ-सुथरा और जवाबदेह शहर बनाने की दिशा में एक अहम कड़ी है। इससे भविष्य में गाजियाबाद को एक रोल मॉडल सिटी के रूप में पेश किया जा सकता है।
जोन-1 में इस योजना की सफलता पर शहर के अन्य जोनों में भी इसे लागू करने की पूरी तैयारी है। यदि यह मॉडल सफल रहा, तो गाजियाबाद को बेहतर नगर नियोजन, सुनियोजित विकास और जन सुविधाओं की प्रभावी उपलब्धता में बड़ा फायदा मिल सकता है। शहरवासियों को अब उम्मीद है कि यह नई व्यवस्था गाजियाबाद को कागज़ से ज़मीन तक एक बेहतर शहर बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।
यह भी पढ़ें: 8 दिन के लिए इस शहर के स्कूल-कॉलेज बंद, अधिकारियों का फरमान जारी
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।