Muzaffarnagar school college closed: मुजफ्फरनगर में कांवड़ यात्रा के दौरान 16 से 23 जुलाई तक सभी स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे। प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया है।
Kanwar Yatra school closures Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा का शुभारंभ होते ही प्रशासनिक गतिविधियां भी तेज हो गई हैं। हरिद्वार से जल लेकर लौटने वाले लाखों शिवभक्तों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए मुजफ्फरनगर प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिले में स्थित सभी स्कूल और कॉलेजों को 16 जुलाई से 23 जुलाई तक बंद रखने का आदेश दिया गया है।
क्यों लिया गया स्कूल-कॉलेज बंद करने का फैसला?
कांवड़ यात्रा के दौरान भारी भीड़, रूट डायवर्जन, और सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा के अनुसार, यात्रा के दौरान मुख्य मार्गों को अस्थायी रूप से बंद किया जाता है या उनका रूट बदला जाता है, जिससे आमजन, खासतौर पर छात्रों और शिक्षकों को आवाजाही में परेशानी हो सकती है।
ऐसे में यह निर्णय न केवल विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि प्रशासन को भी सुचारू व्यवस्था बनाए रखने में मदद देगा।

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कितने दिन की छुट्टी और किन संस्थानों में लागू होगा आदेश?
कुल 8 दिन, 16 जुलाई से लेकर 23 जुलाई तक, जिले के सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। यह आदेश सरकारी और निजी दोनों प्रकार के शैक्षणिक संस्थानों पर लागू होगा।
जिन स्कूल-कॉलेजों की इमारतें कांवड़ रूट पर स्थित हैं, या जिनकी वजह से आवागमन प्रभावित हो सकता है, उन्हें विशेष रूप से इस आदेश में शामिल किया गया है।
क्या अन्य जिलों में भी मिल सकती हैं छुट्टियां?
फिलहाल अन्य जिलों में स्कूल बंद होने की कोई आधिकारिक सूचना नहीं आई है। हालांकि, कांवड़ यात्रा का प्रभाव जिन जिलों में अधिक होता है, वहां प्रशासन जरूरत के मुताबिक फैसले ले सकता है। यूपी तक की टीम इस विषय पर नजर बनाए हुए है और जैसे ही कोई नई सूचना आएगी, वह साझा की जाएगी।
कांवड़ यात्रा और स्थानीय जीवन पर असर
कांवड़ यात्रा के दौरान आमतौर पर यातायात व्यवस्था पूरी तरह बदल जाती है। मुख्य मार्गों को कांवड़ियों के लिए आरक्षित किया जाता है और कई इलाकों में वाहन प्रतिबंध लागू रहता है। इससे स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को समय पर पहुंचना मुश्किल हो सकता है।
प्रशासन के इस कदम से एक ओर जहां शांति और व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलेगी, वहीं छात्रों को अनावश्यक जोखिम से भी बचाया जा सकेगा।
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