
Atal Bihari Vajpayee Terminal: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जुड़ी एक भावनात्मक और ऐतिहासिक खबर सामने आई है। गोमतीनगर रेलवे स्टेशन का नाम अब भारत रत्न और देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा जाएगा। यह कदम न सिर्फ लखनऊ के इतिहास को एक नई पहचान देगा, बल्कि अटल जी की स्मृतियों को भी लंबे समय तक जीवित रखने में अहम भूमिका निभाएगा।
लखनऊ और अटल जी का रिश्ता केवल चुनावी राजनीति तक सीमित नहीं रहा — यह एक आत्मीय संबंध था। अटल जी पांच बार लखनऊ से सांसद चुने गए और इस शहर के लिए हमेशा विशेष स्नेह रखते थे। ऐसे में गोमतीनगर स्टेशन को उनके नाम पर समर्पित करना शहर के प्रति उनके योगदान की एक भावनात्मक अभिव्यक्ति है।
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यह निर्णय गोमतीनगर जनकल्याण महासमिति की बैठक में लिया गया, जो मनीषा मंदिर (विराम खंड) में आयोजित हुई थी। बैठक में आम जन और जनप्रतिनिधियों की सहमति से यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया कि गोमतीनगर रेलवे स्टेशन का नाम ‘अटल बिहारी वाजपेयी टर्मिनल’ किया जाए।
जी हां। लखनऊ के सांसद और देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रस्ताव पर सहमति जताई और खुद आगे बढ़कर इसका समर्थन किया। उन्होंने न केवल नाम बदलने की बात कही, बल्कि स्टेशन परिसर में अटल जी की भव्य प्रतिमा लगाने की घोषणा भी की।
रेलवे अधिकारियों ने संकेत दिए हैं कि गोमतीनगर स्टेशन को अब एक आधुनिक टर्मिनल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके परिसर में अटल जी की विशाल कांस्य प्रतिमा लगाई जाएगी, और स्टेशन की दीवारों पर उनके विचारों और उपलब्धियों से जुड़ी थीमेटिक सजावट की जाएगी।
इस घोषणा से लखनऊ के नागरिकों में गर्व और भावनात्मक जुड़ाव का माहौल है। लोगों का मानना है कि यह निर्णय शहर की पहचान को और समृद्ध करेगा और अटल जी की विचारधारा को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का एक मजबूत माध्यम बनेगा।
हां, प्रस्ताव पारित होने के बाद रेलवे प्रशासन ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब नाम बदलने के लिए संबंधित मंत्रालयों से औपचारिक स्वीकृति ली जा रही है। स्वीकृति मिलते ही स्टेशन के बोर्ड, दस्तावेज़ और संकेतक सभी पर नया नाम दिखने लगेगा।
अटल बिहारी वाजपेयी सिर्फ एक राजनेता नहीं, बल्कि आदर्श, काव्य और राष्ट्रवाद के प्रतीक रहे हैं। उनकी प्रतिमा लगाना उन्हें सिर्फ श्रद्धांजलि देना नहीं है, बल्कि शहर के हर आने-जाने वाले व्यक्ति को उनकी विरासत से जोड़ना है।
अधिकारियों के अनुसार, स्टेशन के नामकरण और प्रतिमा स्थापना के लिए एक भव्य समारोह का आयोजन किया जाएगा, जिसमें वरिष्ठ राजनेता, स्थानीय प्रतिनिधि और आम नागरिक शामिल होंगे। इससे लखनऊ के नागरिकों को एक नई सांस्कृतिक पहचान मिलने की उम्मीद है.
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