गोरखनाथ मंदिर में होलिकादहन की राख के तिलक से शुरू होती है होली, जानिए क्या कुछ रहता है खास

Published : Mar 07, 2023, 12:58 PM IST
Gorakhpur Holi

सार

यूपी में मथुरा और बरसाना की होली की तरह ही गोरखपुर की होली की भी खासा चर्चाएं रहती है। यहां होलिका दहन की राख के तिलक के साथ ही होली की शुरुआत होती है।

गोरखपुर: वृंदावन, बरसाना की होली की तरह ही गोरक्षनगरी के रंगोत्सव की चर्चाएं भी यूपी में जमकर होती है। दशकों से यहां का होलिका दहन, होलिकोत्सव की शोभायात्रा लोगों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बने हैं। वहीं यूपी का सीएम बनने के बाद भी योगी आदित्यनाथ महत्वपूर्ण शोभायात्राओं में शामिल होते हैं। इन शोभायात्राओं में लोगों का अलग ही उल्लास देखने को मिलता है।

काफी समय से जारी है होलिकादहन की राख से होली मनाने की परंपरा

गोरखपुर में होली के अवसर पर दो प्रमुख शोभायात्राएं निकाली जाती है। इसमें से एक शोभायात्रा होलिका दहन की शाम पांडेयहाता से होलिका दहन उत्सव समिति की ओर से निकाली जाती है वहीं दूसरी ओर होली के दिन श्री होलिकोत्सव समिति और आरएसएस के बैनर तले। इस बार भी सीएम योगी इन दोनों शोभायात्राओं में शामिल होंगे। ज्ञात हो कि गोरखपुर में भगवान नृसिंह की रंगोत्सव शोभायात्रा की शुरुआथ आरएसएस के प्रचारक नानाजी देशमुख ने 1944 में अपने गोरखपुर प्रवास के दौरान की थी। हालांकि इससे काफी पहले से होलिकादहन की राख से होली मनाने की परंपरा जारी थी।

भक्ति और शक्ति का एहसास करवाती है गोरखपुर की होली

गोरखपुर में होने वाली होली को लेकर एक और खास बात है जिसकी चर्चाएं जमकर होती है। गोरक्षपीठाधीश्वर की अगुवाई में गोरखनाथ मंदिर में होलिकोत्सव की शुरुआत होलिका दहन या सम्मत की राख से तिलक लगाने के साथ ही होती है। इस परंपरा के जरिए एक विशेष संदेश दिया जाता है। आपको बता दें कि होलिकादहन के दौरान हमें भक्त प्रह्लाद और भगवान श्रीविष्णु के अवतार भगवान नृसिंह के पौराणिकता से रूबरू करवाती है। भक्ति की शक्ति का एहसास भी इसके जरिए होता है। वहीं होलिकादहन की राख से तिलक लगाने के पीछे का कारण है कि भक्ति की शक्ति को समाज से जोड़ना।

लंबे समय से चली आ रही है परंपरा

गोरखनाथ मंदिर में होलिकाहदन की राख से होली मनाने की परंपरा काफी पहले से चली आ रही है। नृसिंह रंगोत्सव शोभायात्रा की शुरुआत नानाजी देशमुख ने होली के अवसर पर फूहड़ता को दूर करने के लिए की थी। इस बीच नानाजी के अनुरोध पर इस शोभायात्रा से गोरक्षपीठ का भी नाता जुड़ गया। कहा जाता है कि ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ के निर्देश पर ही महंत अवैद्यनाथ शोभायात्रा में पीठ का प्रतिनिधित्व करने लगे थे। इसी के बाद से यह गोरक्षपीठ की होली का अभिन्न अंग बन गया। वहीं 1996 के बाद से सीएम योगी भी इसकी अगुवाई कर रहे हैं।

नोएडा: पत्नी ने खुद पर डाला डीजल तो शराबी पति ने लगा दी आग, महिला का इलाज दिल्ली में जारी

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

योगी सरकार की सशक्तिकरण नीति से सर्वोदय विद्यालय के छात्रों की राष्ट्रीय स्तर पर चमक
योगी सरकार की बाल श्रमिक विद्या योजना से 20 जिलों में 2000 बच्चों को मिलेगा लाभ