सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर में बीजेपी ने मुस्लिम कार्ड चल कर इतिहास रच दिया। भगवा का गढ़ माने जाने वाले गोरखपुर शहर के वार्ड संख्या-5 बाबा गंभीरनाथ नगर से बीजेपी ने हकीबुन्निशा को प्रत्याशी बनाया था।
गोरखपुर। सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर में बीजेपी ने मुस्लिम कार्ड चल कर इतिहास रच दिया। भगवा का गढ़ माने जाने वाले गोरखपुर शहर के वार्ड संख्या-5 बाबा गंभीरनाथ नगर से बीजेपी ने हकीबुन्निशा को प्रत्याशी बनाया था। हकीबुन्निशा ने इस सीट से जीत दर्ज कर भगवा खेमे की पॉलिटिक्स में एक नया लेसन जोड़ दिया है। हकीबुन्निशा को चुनाव में कुल 2227 वोट मिले थे, उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी निर्दल प्रत्याशी शाहीन को 647 मतों से मात दी। 1580 वोट पाकर शाहीन दूसरे स्थान पर रहीं।
बाबा गंभीरनाथ नगर से कांग्रेस और बसपा ने भी मुस्लिम कैंडिडेट उतारे थे। कांग्रेस की तरफ से हदीशुन्निशा और बसपा की तरफ से रेशमा चुनाव में डटी थी। स्थानीय लोग उम्मीद जता रहे थे कि बसपा और कांग्रेस में से किसी प्रत्याशी को जीत मिल सकती है। पर जनता जनार्दन होती है। उसने हकीबुन्निशा पर विश्वास जताया। हदीशुन्निशा को 1106 मतों से ही संतोष करना पड़ा, जबकि रेशमा को 865 वोट मिले। हकीबुन्निशा इस समय चर्चा मे हैं। आप भी जानने को उत्सुक होंगे कि हकीबुन्निशा कौन है? आइए जानते हैं उनके बारे में।
कौन हैं हकीबुन्निशा?
कौन हैं हकीबुन्निशा? यह जानने के लिए आपको दो दशक पहले की एक घटना के बारे में जानना जरुरी है। स्थानीय लोग बताते हैं कि गोरखपुर विकास प्राधिकरण यानि जीडीए ने करीब 20 साल पहले मानबेला इलाके के कुछ गांवों की जमीनों का अधिग्रहण किया था। उस समय किसान जमीनों के अधिग्रहण के बदले मिलने वाले मुआवजे से असंतुष्ट थे। उस समय सीएम योगी, गोरखपुर के सांसद थे। योगी आदित्यनाथ भी किसानों की मांग से सहमत थे। उस समय इस समस्या का हल निकालने में उस मुस्लिम बहुल इलाके के किसान नेता बरकत अली आगे आए और वहीं से उनका नाथ संप्रदाय के प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर आने जाने का सिलसिला शुरु हुआ। 2014 की एक रैली में भी अल्पसंख्यक बहुल गांवों के आसपास के लोगों मदद में भी बरकत अली एक कड़ी बने। वही बरकत अली वर्ष 2015-16 में भाजपा के एक्टिव मेंबर बन गए और आने वाले दिनों में उन्हें बीजेपी में और सम्मान मिला। 2018 में बरकत अली बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष बने। हकीबुन्निशा उन्हीं बरकत अली की पत्नी हैं।