बिजली मित्र: UP में बिजली चोरी के डेली मिल रहे 200 केस, UPPCL के गुमनाम मित्रों ने की ये Help

यूपी पावर कारपोरेशन को बिजली चोरी पर कंट्रोल में बड़ी सफलता मिली है। कारपोरेशन की तरफ से बिजली चोरी की सूचना देने के लिए बिजली मित्र लिंक की शुरुआत की गई थी। इसमें व्यवस्था है कि कोई भी व्यक्ति गुमनाम रहकर पोर्टल के…

Contributor Asianet | Published : May 16, 2023 12:08 PM IST

लखनऊः यूपी पावर कारपोरेशन को बिजली चोरी पर कंट्रोल में बड़ी सफलता मिली है। कारपोरेशन की तरफ से बिजली चोरी की सूचना देने के लिए बिजली मित्र लिंक की शुरुआत की गई थी। इसमें व्यवस्था है कि कोई भी व्यक्ति गुमनाम रहकर पोर्टल के जरिए बिजली चोरी की सूचना कारपोरेशन को दे सकता है। यह लिंक आम लोगों के बीच खूब लोक​प्रिय हुआ है। सिर्फ दो हफ्ते में इस लिंक के माध्यम से अब तक बिजली चोरी की करीब 3034 सूचनाएं प्राप्त हो चुकी हैं। डेली लगभग 200 बिजली चोरी की सूचनाएं मिल रही हैं। सूचना मिलने पर विभागीय और विजिलेंस टीमें निरीक्षण कर बिजली चोरी के मामलों में कार्रवाई कर रही हैं।

29 अप्रैल से शुरु हुई है योजना

आपको बता दें कि बिजली मित्र लिंक की शुरुआत बीते 29 अप्रैल से हुई थी। इस लिंक के जरिए कोई भी व्यक्ति बिना अपनी पहचान जाहिर किए बिजली चोरी की सूचना विभाग को दे सकता है। सूचना देने वाले शख्स को इसके लिए कहीं आने जाने की जरुरत भी नहीं है। वह आनलाइन ही यह सूचना पोर्टल के जरिए दे सकता है। जिसका लिंक bijlimitra.uppcl.org है। कोई भी शख्स बिजली विभाग की वेबसाइट www.upenergy.in के होम पेज पर जाकर भी इस लिंक को क्लिक कर bijlimitra.uppcl.org पोर्टल ओपेन कर सकता है और गुमनाम शिकायत दर्ज कर सकता है।

पहली बार बिजली चोरी की शिकायत की शुरु हुई है ये सुविधा

पॉवर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम. देवराज ने बताया कि अभी तक प्रदेश में सिर्फ यूपी पॉवर कारपोरेशन की वेबसाइट में लिंक उपलब्ध था। जिस पर बिजली चोरी की सूचना दी जा सकती थी या फिर चैट बॉट पर यह सूचना उपलब्ध कराई जा सकती थी। पर उसमें शिकायत करने वाले शख्स का नाम और मोबाइल नम्बर वगैरह की आवश्यकता पड़ती थी। इस वजह से आम लोग बिजली चोरी की शिकायत करने में खुद को सहज महसूस नहीं करते थे। बिजली मित्र लिंक के द्वारा शिकायतकर्ता की गोपनीयता बनी रहती है और बिजली चोरी का भी पता चल जाता है। पहली बार इस तरह से बिजली चोरी की सूचनाएं दी जा रही हैं। आम लोग यह सूचना साइबर कैफे, मोबाइल व अन्य माध्यमों से भी दे सकते हैं।

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