
Gorakhpur-Shamli Expressway construction: उत्तर प्रदेश की सड़क कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने के लिए एक और नए हाईवे के निर्माण की तैयारी जोरों पर है। गोरखपुर से शामली तक बनने वाले इस हाईवे से यूपी के 15 जिलों को जोड़ा जाएगा, जिससे आवागमन सुगम होगा और विकास की नई राह खुलेगी। खास बात यह है कि यह हाईवे नेपाल सीमा पर निगरानी के लिहाज से भी बेहद अहम साबित होगा। इस परियोजना को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के तहत विकसित किया जा रहा है, और जल्द ही सीमांकन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे और हाईवे के निर्माण कार्यों में तेजी लाई जा रही है, जिससे प्रदेश के पिछड़े जिलों में भी विकास पहुंचे। गोरखपुर-शामली हाईवे इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिसका निर्माण कार्य जल्द ही शुरू होने वाला है। इस हाईवे से लखनऊ, सीतापुर, बरेली, मेरठ, बिजनौर और मुरादाबाद जैसे प्रमुख शहरों को भी फायदा मिलेगा।
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यह हाईवे गोरखपुर से शुरू होकर शामली तक पहुंचेगा और 15 जिलों से होकर गुजरेगा। ये जिले हैं:
NHAI के अनुसार, जल्द ही सीमांकन की प्रक्रिया शुरू होगी, जिसके बाद भूमि अधिग्रहण का कार्य किया जाएगा। भूमि अधिग्रहण में कुछ समय लग सकता है, लेकिन इसके पूरा होते ही हाईवे का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। अनुमान है कि इस हाईवे को बनने में कम से कम 3 साल लगेंगे। इस प्रोजेक्ट को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के बीच चर्चा हो चुकी है और इसकी जिम्मेदारी NHAI को सौंपी गई है।
मोदी सरकार ने हाल ही में 6811 करोड़ रुपये की लागत से उत्तराखंड में दो रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है। ये रोपवे बाबा केदारनाथ धाम और सिखों के धार्मिक स्थल हेमकुंड साहिब को जोड़ेंगे, जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा में बड़ी सुविधा मिलेगी। नया हाईवे यूपी की विकास यात्रा को गति देगा और नेपाल सीमा की सुरक्षा को भी और मजबूत करेगा। अब देखना यह है कि इस प्रोजेक्ट पर काम कब तक पूरा होता है।
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