ग्रामीण आजीविका मिशन: मीरजापुर की सुशीला देवी बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल

Published : Dec 12, 2025, 06:21 PM IST
Gramin Aajeevika Mission Yogi Government

सार

मीरजापुर की सुशीला देवी ने योगी सरकार की योजनाओं, ग्रामीण आजीविका मिशन और प्रशिक्षण की मदद से ज्वेलरी कारोबार शुरू किया। उनकी मासिक आय 15,000 रुपये है और वे अन्य महिलाओं को रोजगार दे रही हैं। सुशीला अब गांव की आत्मनिर्भर महिला की मिसाल बन चुकी हैं।

लखनऊ। मीरजापुर जिले के पिपरवा गांव की 28 वर्षीय सुशीला देवी का जीवन कुछ साल पहले तक घरेलू जिम्मेदारियों और आर्थिक मुश्किलों में घिरा था। किसान परिवार में जन्मी सुशीला ने इंटर तक पढ़ाई जरूर की, लेकिन आगे बढ़ने का रास्ता नहीं मिल रहा था। पति की निजी नौकरी से मिलने वाली सीमित आमदनी में घर खर्च, बच्चों की पढ़ाई और भविष्य की जरूरतें सबकुछ मुश्किल होता जा रहा था। इसी दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने वाली योजनाओं की जानकारी उनके गांव तक पहुंची, जिससे सुशीला की जिंदगी बदलने का मौका मिला।

ग्रामीण आजीविका मिशन और डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स से मिला सहारा

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स संस्था की टीम गांव पहुंची और महिलाओं को बताया कि वे भी अपनी क्षमता के आधार पर रोजगार शुरू कर सकती हैं। सही मार्गदर्शन और प्रशिक्षण मिलने पर महिलाएं भी आर्थिक रूप से मजबूत बन सकती हैं—यह संदेश सुशीला के जीवन में नई उम्मीद लेकर आया।

ज्वेलरी प्रशिक्षण से शुरू हुआ आत्मनिर्भरता का सफर

एक बैठक में जब ज्वेलरी बनाने के प्रशिक्षण की बात हुई, तो सुशीला ने झिझकते हुए शुरुआत की। जिम्मेदारियां अधिक थीं, संसाधन कम थे, लेकिन कुछ नया करने की इच्छा हमेशा से थी। उन्होंने कस्टम ज्वेलरी बनाना सीखा और स्वयं सहायता समूह से 15,000 रुपये का ऋण लेकर छोटा कारोबार शुरू किया। धीरे-धीरे उनके हाथों की बनी ज्वेलरी आसपास के बाजार में पसंद आने लगी। ग्रामीण आजीविका मिशन की टीम ने उन्हें खरीदारों से जोड़कर मार्केट लिंकिंग की समस्या भी दूर कर दी।

15,000 रुपये मासिक आय से बनी परिवार की मजबूत साथी

योगी सरकार की महिला सशक्तिकरण नीतियों और मिशन के सहयोग से सुशीला की मासिक आय बढ़कर 15,000 रुपये हो गई। अब वे अपने पति की बराबरी से घर चलाने में मदद कर रही हैं और अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में पढ़ा रही हैं। उन्होंने गांव की कई और महिलाओं को भी रोजगार दिया है, जिससे उनके घरों की आर्थिक स्थिति भी बेहतर हुई है। कुछ महीनों में ही सुशीला का आत्मविश्वास बढ़ा और वे गांव की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गईं।

'सही मार्गदर्शन मिले तो हम भी अपना भविष्य बना सकते हैं'- सुशीला

पहले लगता था कि गांव की महिलाएं बस घर तक सीमित रहती हैं, लेकिन अब समझ आया कि सही दिशा मिले तो हम भी अपना भविष्य खुद बना सकते हैं।

उनकी यह बात गांव की कई महिलाओं को नई ऊर्जा और सपना दे रही है।

ग्रामीण महिलाएं बदल रही अपनी दुनिया- मिशन निदेशक दीपा रंजन

ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन के अनुसार, सुशीला और अन्य महिलाओं की सफलता यह साबित करती है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महिला-केंद्रित नीतियों ने ग्रामीण जीवन में बड़ा बदलाव लाया है। आज ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भरता, स्वाभिमान और सफलता की नई कहानियां लिख रही हैं।

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