AYUSH Policy 2026: UP बनेगा भारत का सबसे बड़ा आयुष हब, जानिए क्या बदलेगा

Published : Dec 12, 2025, 06:12 PM IST
up new ayush policy 2026 yogi government

सार

यूपी सरकार वर्ष 2026 में नई आयुष पॉलिसी लागू करने जा रही है। पॉलिसी में निवेशकों को विशेष सहूलियतें, पीपीपी मोड से इंफ्रास्ट्रक्चर विकास, पंचकर्म-योग को बढ़ावा और आयुष रिसर्च हब बनाने की योजना शामिल है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार होगा।

लखनऊ की सर्द सुबहों में जब धुंध धीरे-धीरे छंटती है, उसी तरह स्वास्थ्य सेवाओं में बदलाव का एक नया सूरज उगने जा रहा है। योगी आदित्यनाथ सरकार ऐसी नीति लाने की तैयारी में है, जो न केवल उत्तर प्रदेश को आयुष सेक्टर में नई पहचान देगी, बल्कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने की दिशा में भी बड़ा कदम साबित होगी। वर्ष 2026 से लागू होने वाली यह नई आयुष पॉलिसी प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं, निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर और रोजगार, चारों मोर्चों पर व्यापक बदलाव लाने का वादा कर रही है।

निवेशकों को आकर्षित करेगी नई आयुष पॉलिसी

लखनऊ में जारी जानकारी के मुताबिक योगी सरकार आयुष उद्योग को गति देने के लिए कई विशेष सहूलियतें देने जा रही है। नई पॉलिसी में शामिल हैं: कैपिटल सब्सिडी, भूमि क्रय पर स्टांप ड्यूटी में छूट, ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट्स पर विशेष रियायत, आयुष रिसर्च के लिए मजबूत संस्थागत ढांचा। बता दें की सरकार का लक्ष्य है कि आयुष दवाओं की जांच, अनुसंधान और उत्पादन के लिए ऐसा तंत्र खड़ा किया जाए, जो आने वाले वर्षों में उत्तर प्रदेश को आयुष रिसर्च हब के रूप में स्थापित कर सके।

यह भी पढ़ें: लखनऊ में लाइव सुसाइड! इंस्टाग्राम पर जया पांडेय ने कहा- अब मैं जा रही हूं… और फिर..

पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों पर विशेष ध्यान

प्रमुख सचिव आयुष रंजन कुमार के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश आयुष सेक्टर में राष्ट्रीय नहीं बल्कि वैश्विक नेतृत्व करे। इसी को ध्यान में रखते हुए पॉलिसी में पंचकर्म, नेचुरोपैथी, योग और वेलनेंस सेंटर जैसे पारंपरिक तरीकों पर विशेष फोकस रखा गया है।

नई पॉलिसी में शामिल मुख्य प्रावधान:

  • पंचकर्म और नेचुरोपैथी को बढ़ावा
  • वेलनेंस सेंटर की स्थापना
  • आयुष अस्पतालों को मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर
  • नए कोर्स: आयुर्वेद, योग, होम्योपैथी

इसके तहत प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

पीपीपी मोड से मजबूत होगा आयुष इंफ्रास्ट्रक्चर

सरकार आयुष स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल को बड़े पैमाने पर अपनाने की तैयारी कर रही है। इससे बड़े अस्पतालों, रिसर्च लैब, प्रशिक्षण केंद्रों और वेलनेंस हब का विकास किया जाएगा। यह कदम प्रदेश में आधुनिकता और परंपरा दोनों का संतुलित मिश्रण तैयार करेगा।

आयुष स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा सुधार

आयुष विभाग के प्रमुख सचिव रंजन कुमार के अनुसार, नई नीति का उद्देश्य केवल अस्पताल बनाना या निवेशकों को आकर्षित करना नहीं है। असली मकसद है, हर नागरिक को सुगम और गुणवत्तापूर्ण आयुष चिकित्सा सुविधा, प्रदेश में रोग निवारण आधारित मॉडल को बढ़ावा, औषधीय पौधों के गुणों का वैज्ञानिक विकास, आयुष स्टाफ की भर्ती और ट्रेनिंग में वृद्धि। नई पॉलिसी के जरिए उत्तर प्रदेश को आयुष वेलनेंस हब बनाया जाएगा, जिससे देश-दुनिया के लोग यहां उपचार और रिसर्च के लिए आकर्षित हों।

प्रदेश के आयुष उद्योग को मिलेगी वैश्विक पहचान

योगी सरकार की नई आयुष पॉलिसी न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करेगी, बल्कि उत्तर प्रदेश को आयुष उद्योग के वैश्विक मानचित्र पर भी स्थापित करेगी। इससे:

  • व्यापार बढ़ेगा
  • निवेश आएगा
  • रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे
  • और प्रदेश स्वास्थ्य पर्यटन का केंद्र बनने की ओर तेजी से बढ़ेगा

यह पॉलिसी आने वाले वर्षों में यूपी को आयुष क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा केंद्र बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

यह भी पढ़ें: UP डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में निवेश की रफ्तार तेज, 52 हजार से ज्यादा रोजगार का मार्ग प्रशस्त

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

बाराबंकी में किसान पाठशाला 8.0: सीएम योगी ने बताया खुशहाल खेती का राज, किसानों से सीधा संवाद
UP डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में निवेश की रफ्तार तेज, 52 हजार से ज्यादा रोजगार का मार्ग प्रशस्त