
Greater Ghaziabad project: उत्तर प्रदेश में अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा की तर्ज पर "ग्रेटर गाजियाबाद" नाम का एक नया शहर बसने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इस मेगा योजना की रूपरेखा साझा करते हुए इसे गाजियाबाद के विकास का अगला चरण बताया। इस परियोजना के तहत न केवल शहरी विस्तार होगा, बल्कि गाजियाबाद को एक नए प्रशासनिक और बुनियादी ढांचे वाले केंद्र के रूप में भी विकसित किया जाएगा।
26 जून को गाजियाबाद के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रेटर गाजियाबाद योजना की घोषणा करते हुए कहा कि यह शहर विकास की नई मिसाल बनेगा। उन्होंने बताया कि इस योजना की निगरानी वे खुद कर रहे हैं और आने वाले वर्षों में इसका स्वरूप देश के सर्वश्रेष्ठ शहरी क्षेत्रों में शुमार होगा।
ग्रेटर गाजियाबाद की योजना के तहत शहर का विस्तार तीन प्रमुख दिशाओं में किया जाएगा:
इन क्षेत्रों को गाजियाबाद नगर निगम में शामिल कर, पूरे इलाके को 300 वर्ग किलोमीटर तक विस्तारित किया जाएगा, जो अभी 220 वर्ग किलोमीटर है।
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इस परियोजना के साथ गाजियाबाद नगर निगम में वार्डों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। वर्तमान में 114 वार्ड हैं, लेकिन विस्तार के बाद यह संख्या बढ़कर 155 वार्ड हो जाएगी। इससे प्रशासनिक सुविधाएं और सुगम होंगी और लोगों को सेवाओं का लाभ तेज़ी से मिलेगा।
पिछले 8 वर्षों में योगी सरकार ने गाजियाबाद को आधुनिक शहर के रूप में विकसित करने के लिए कई परियोजनाएं शुरू कीं:
अब ग्रेटर गाजियाबाद योजना के ज़रिए यह शहर विकास, सुविधा और स्मार्ट प्लानिंग का नया उदाहरण बनने जा रहा है।
क्षेत्रफल और जनसंख्या के विस्तार के साथ-साथ नगर निगम का राजस्व भी बढ़ेगा। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर, जल आपूर्ति, कचरा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाएं और सड़क निर्माण जैसे विकास कार्यों को तेज़ी मिलेगी।
ग्रेटर गाजियाबाद न केवल एक नया शहरी विस्तार है, बल्कि यह योगी सरकार की भविष्यद्रष्टा योजना है, जो उत्तर प्रदेश को आर्थिक और बुनियादी ढांचे के मामले में एक नई ऊंचाई पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त कर रही है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा की तरह यह योजना भी गाजियाबाद के आम नागरिकों की ज़िंदगी को नई दिशा दे सकती है।
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