
Gyanvapi Masjid survey report: ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे रिपोर्ट को वाराणसी के जिला कोर्ट में सोमवार को जमा कर दिया गया। यूपी के इस अतिसंवेदनशील मामले में कोर्ट के निर्देश के बाद सर्वे कराया गया था। सीलबंद डॉक्यूमेंट्स को सफेद कपड़े में लपेटकर इसे एएसआई अधिकारियों ने कोर्ट में जमा कराया। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षेण की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाएगा या नहीं। यह भी नहीं बताया कि उसे हिंदू या मुस्लिम पक्षकारों के बीच साझा किया जाएगा कि नहीं। अगली सुनवाई गुरुवार को होगी।
रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं किए जाने पर हिंदू पक्ष ने चेताया
ज्ञानवापी सर्वेक्षण मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि आज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 4 अगस्त के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करते हुए सीलबंद कवर में अपनी रिपोर्ट दायर की है। हमने एक आवेदन दायर किया है। जिला अदालत के समक्ष कि हमें रिपोर्ट की एक प्रति प्रदान की जानी चाहिए और मीडिया पर कोई रोक नहीं लगाई जा सकती कि आप इस रिपोर्ट के बारे में बात नहीं कर सकते या आप इस रिपोर्ट के बारे में प्रकाशित नहीं कर सकते। जैन ने कहा कि हम 21 दिसंबर को सुनवाई में भाग लेंगे और यदि जिला जिला अदालत कोई आदेश पारित नहीं करती है जो कानून के अनुरूप है तो हम सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करेंगे।
कई बाधाओं के बाद आखिरकार सर्वे हुआ पूरा
ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे रिपोर्ट में कई बाधाएं आई थी। जिला अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सर्वे संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई हुई। आखिरकार जिला कोर्ट के सर्वे कराने के फैसले पर कार्रवाई आगे बढ़ी। एएसआई ने भी सर्वे, डेटा रिसर्च और उसके विश्लेषण के लिए करीब छह एक्टेंशन लिए। 2 नवंबर को एएसआई ने कहा कि उसने सर्वेक्षण पूरा कर लिया है, लेकिन सर्वेक्षण के दौरान उपयोग किए गए उपकरणों का विवरण जमा करने सहित रिपोर्ट संकलित करने के लिए और समय मांगा।
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