
हमीरपुर: जनपद के राठ में समलैंगिक विवाह का मामला सामने आया है। यहां बचपन से साथ खेलने वाली दो सहेलियों को आपस में प्यार हो गया। प्यार परवान चढ़ा तो मंदिर में ही रीता ने सुनीता से शादी कर ली। यहां रीता ने सुनीता की मांग में सिंदूर भरा और इसके बाद वह शादी को रजिस्टर्ड कराने के लिए सिविल कोर्ट पहुंची। यहां पर हाईकोर्ट ने समलैंगिक विवाह कराने से इंकार कर दिया। वकीलों के द्वारा हाईकोर्ट के निर्णय का हवाला दिया गया।
बचपन से ही एक दूसरे को करती थी पसंद
गौरतलब है कि जरिया थाना क्षेत्र के जिटकिरी गांव की रहने वाली 20 वर्षीय रीता कुशवाहा बचपन से ही अपने मामा के पास में रहती थी। बचपन में ही उसकी दोस्ती 21 वर्षीय सुनीता कुशवाहा से हो गई। उम्र बढ़ने के साथ दोनों के बीच में प्यार पनपने लगा। दोनों ने साथ में जीने-मरने की कसम खा ली। इसके बाद विवाह कर लिया। इस बीच जब घरवालों ने विरोध किया तो वह छह माह पहले राजकोट भाग गईं। यहां पर दोनों ने एक कंपनी में काम किया और दो माह के बाद वापस आ गई। वापस आने पर दोनों कुछ समय के लिए एक-दूसरे से अलग रही लेकिन यह दूरी ज्यादा समय तक बरकरार नहीं रह सकी। शनिवार को दोनों सिविल कोर्ट पहुंची।
हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देकर शादी करवाने से इंकार
रीता के द्वारा बताया गया कि वह सुनीता की पत्नी बनना चाहती है। हालांकि इस बीच हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए अधिवक्ताओं ने समलैंगिक विवाह करवाने से मना कर दिया। जिसके बाद यह मामला खासा चर्चाओं में रहा। वहीं आसपास के लोगों के द्वारा बताया गया कि बचपन से ही गीता और सुनीता ज्यादातर समय एक दूसरे के साथ में बिताती थीं। हालांकि बचपन की दोस्ती के बाद वह दोनों एक दूसरे से ही शादी की जिद कर बैठेंगी इस बारे में किसी को जानकारी नहीं थी। दोनों के घर से फरार होकर राजकोट जाने पर भी यह मामला खासा चर्चाओं में रहा था।
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