Hathras Stampede Case Report : 121 मौतों की जांच पूरी! किसे मिली क्लीन चिट, कौन है दोषी?

Published : Feb 21, 2025, 10:48 AM ISTUpdated : Feb 21, 2025, 10:49 AM IST
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सार

Hathras stampede inquiry report: हाथरस भगदड़ कांड की न्यायिक रिपोर्ट विधानसभा में पेश होगी। रिपोर्ट में क्या है, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन उम्मीद है कि इसमें हादसे के ज़िम्मेदार लोगों का खुलासा होगा।

Hathras stampede incident: 2 जुलाई 2024 को हुए हाथरस भगदड़ कांड की रिपोर्ट न्यायिक आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार को सौंप दी है। इस रिपोर्ट को लेकर राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए इसे विधानसभा में पेश करने की मंजूरी दे दी है। उम्मीद की जा रही है कि चालू बजट सत्र में इस रिपोर्ट को सदन में पेश किया जाएगा। हालांकि, अब तक आधिकारिक रूप से यह सामने नहीं आया है कि न्यायिक आयोग ने किसे दोषी ठहराया और किसे क्लीनचिट दी।

इस दर्दनाक हादसे में महिलाओं और बच्चों सहित 121 लोगों की जान चली गई थी। यह भगदड़ जिले के फुलारी गांव में उस समय मची थी जब भोले बाबा उर्फ सूरज पाल के सत्संग में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस कार्यक्रम में मात्र 80,000 लोगों के आने की अनुमति थी, लेकिन वहां 2 लाख से अधिक लोग पहुंच गए थे, जिससे भगदड़ मच गई।

3200 पन्नों की चार्जशीट तैयार, "भोले बाबा" का जिक्र नहीं!

उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले में 11 आरोपियों के खिलाफ 3200 पन्नों की चार्जशीट तैयार की है। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इस चार्जशीट में स्वयंभू बाबा सूरज पाल उर्फ भोले बाबा का कोई जिक्र नहीं किया गया। बचाव पक्ष के वकील एपी सिंह का दावा है कि इस मामले में बाबा को बचाने की कोशिश की जा रही है।

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इस मामले को लेकर 12 जुलाई को एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति बनाने की मांग की गई थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।

याचिका में क्या मांग की गई थी?

याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट के सामने स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश देने की मांग की गई थी। इसके अलावा, लापरवाही बरतने वाले व्यक्तियों, अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने की भी मांग की गई थी। याचिका में यह भी कहा गया था कि देशभर में धार्मिक आयोजनों में इस तरह की भगदड़ रोकने के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। सरकार के पास अब यह रिपोर्ट पहुंच गई है, और इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा। इस रिपोर्ट में भगदड़ के जिम्मेदारों के नाम उजागर हो सकते हैं, जिससे इस हादसे से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल सकते हैं। हालांकि, रिपोर्ट में क्या है, यह तो सदन में पेश होने के बाद ही स्पष्ट होगा।

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