हाइब्रिड कार खरीदने पर 3 लाख तक की छूट! फिर योगी सरकार के फैसले का विरोध क्यों?

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा हाइब्रिड कारों के रजिस्ट्रेशन पर टैक्स में छूट देने की घोषणा के बाद, देश की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनियों ने इस फैसले का विरोध किया है। तर्क है कि इससे इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री और निवेश पर गलत असर पड़ेगा।

Sushil Tiwari | Published : Aug 10, 2024 9:29 AM IST

लखनऊ. हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने शक्तिशाली हाइब्रिड कारों के रजिस्ट्रेशन पर टैक्स में छूट की घोषणा की थी। इससे कार खरीदने वालों को बड़ा फायदा होने की उम्मीद थी। सरकार के इस फैसले से हाइब्रिड कार खरीदने पर ग्राहकों को साढ़े तीन लाख रुपये तक की बचत हो सकती है। यूपी सरकार ने स्ट्रांग हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के रजिस्ट्रेशन शुल्क में 100 प्रतिशत की छूट देने का फैसला किया था। उत्तर प्रदेश में 10 लाख रुपये से कम कीमत वाले वाहनों पर 8% रोड टैक्स और 10 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले वाहनों पर 10% रोड टैक्स लगता है, ऐसे में यह फैसला बड़ी राहत देने वाला था।

लेकिन अब खबर है कि देश की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनियों ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर हाइब्रिड कारों को छूट न देने की मांग की है। बिजनेस टुडे ने रॉयटर्स के हवाले से बताया है कि हुंडई, किआ मोटर्स, टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी दिग्गज कंपनियों ने यूपी सरकार को अलग-अलग पत्र लिखकर हाइब्रिड कारों पर छूट न देने की अपील की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन कंपनियों का मानना ​​है कि हाइब्रिड कारों को छूट देने से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री और ईवी उद्योग में किए जा रहे निवेश पर असर पड़ेगा।

Latest Videos

रिपोर्ट्स के मुताबिक, दक्षिण कोरियाई कंपनी हुंडई ने 12 जुलाई को यूपी सरकार को लिखे पत्र में कहा है कि सरकार का यह फैसला परिवहन के विद्युतीकरण को पटरी से उतार देगा। वहीं, किआ का कहना है कि हाइब्रिड वाहनों को इस तरह बढ़ावा देने से इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। महिंद्रा ने भी ईवी बाजार पर पड़ने वाले असर पर चिंता जताई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 11 जुलाई को लिखे एक पत्र में, देश की प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी टाटा मोटर्स ने कहा कि हाइब्रिड वाहनों को प्राथमिकता देने से ईवी के विकास के लिए उद्योग द्वारा किए गए 9 बिलियन डॉलर के निवेश को खतरा होगा। हालांकि, हुंडई, किआ, टाटा और महिंद्रा ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस कदम पर सार्वजनिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

वहीं, मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआईएल), होंडा कार्स इंडिया (एचसीआईएल) और टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) जैसी कंपनियों को यूपी सरकार के इस फैसले से बड़ा फायदा होने की उम्मीद है। क्योंकि ये भारतीय बाजार में हाइब्रिड कार बनाने और बेचने वाली प्रमुख कार कंपनियां हैं। मारुति इन्विक्टो, टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस जैसी कारों पर ग्राहकों को 3 लाख रुपये तक और मारुति ग्रैंड विटारा, टोयोटा अर्बन क्रूजर हाईराइडर और होंडा सिटी ई:एचईवी पर 2 लाख रुपये तक की बचत हो सकती है।

उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों पर मिलने वाली छूट:
जुलाई में, उत्तर प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक नई अधिसूचना जारी की थी। इस योजना के तहत 25,000 इलेक्ट्रिक कारों पर 15% सब्सिडी दी जाएगी। इसकी अधिकतम सीमा एक लाख रुपये होगी। इसके अलावा, 200,000 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की खरीद के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसमें 12,000 रुपये या वाहन की कीमत का 15% सब्सिडी शामिल है। यह सब्सिडी योजना 2027 तक या आवंटित धनराशि समाप्त होने तक (जो भी पहले हो) लागू रहेगी।

Share this article
click me!

Latest Videos

Akhilesh Yadav LIVE: माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेस वार्ता
धारा 370 पर मोदी ने खुलेआम दिया चैलेंज #Shorts
दिल्ली सरकार की नई कैबिनेट: कौन हैं वो 5 मंत्री जो आतिशी के साथ लेंगे शपथ
Akhilesh Yadav LIVE: माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की प्रेस वार्ता
'तिरुपति के प्रसाद में जानवरों की चर्बी', Chandra Babu Naidu के बयान पर बवाल