आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर समीर खांडेकर (Sameer Khandekar) एलुमनी मीट में बोले रहे थे तभी उनके दिल की धड़कने रुक गईं। वह बेहोश होकर स्टेज पर ही गिर गए। हॉस्पिटल ले जाए जाने से पहले ही उनकी मौत हो गई।
कानपुर। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर समीर खांडेकर (Sameer Khandekar) नहीं रहे। शुक्रवार को उनका निधन हो गया। वह एलुमनी मीट में बोल रहे थे तभी उनके दिल की धड़कन रुक गई। भाषण देते वक्त समय ही 55 साल के समीर के साथ यह घटना हुई। वह बेहोश होकर गिर गए।
समीर पूर्व छात्रों को बता रहे थे कि अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखना क्यों जरूरी है और इसके लिए किन तरीकों को अपनाना चाहिए। उन्होंने छात्रों से अंतिम शब्दों में कहा, "अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें।" यह बोलते ही उनके सीने में दर्द हुआ। वह कुछ देर के लिए रुके। छात्रों को लगा कि वे भावुक हो रहे हैं। थोड़ी देर में ही समीर के चेहरा पसीने से तरबतर हो गया और वह स्टेज पर गिर गए।
हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही हो गई थी मौत
इसके बाद समीर को आनन-फानन में हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही समीर की मौत हो चुकी थी। उनकी मेडिकल हिस्ट्री देखने से पता चला है कि या तो मौत कार्डियक अरेस्ट या कार्डियक ब्लॉक के चलते हुई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही इसके बारे में अधिक जानकारी मिल सकती है।
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समीर खांडेकर के नाम हैं आठ पेटेंट
समीर को 2019 से ही कोलेट्रॉल की परेशानी थी। वह इसके लिए लगातार इलाज करा रहे थे। उनका जन्म मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुआ था। उन्होंने IIT से बीटेक किया था। इसके बाद पीएचडी के लिए जर्मनी गए थे। 2004 में उन्होंने असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में आईआईटी कानपुर ज्वाइन किया था। बाद में वह एसोसिएट प्रोफेसर बने थे। बाद में वह मैकेनिकल विभाग के विभाग प्रमुख और छात्र कल्याण डीन बने थे। उनके नाम आठ पेटेंट हैं।
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