
Jaunpur samuhik vivah fraud: जौनपुर महोत्सव में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे आयोजन की प्रतिष्ठा पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। इस समारोह में फर्जीवाड़े के तहत ऐसे 6 अपात्र जोड़े उजागर हुए, जिनमें से एक मामला तो भाई-बहन की शादी का भी है।
यूपी तक की रिपोर्ट के अनुसार समाज कल्याण विभाग पर विवाह की सूची जारी न करने का आरोप लगाया जा रहा है, जिससे प्रशासन के अंदर भी हलचल मच गई है। शुरू में जिलाधिकारी दिनेश चंद्र ने किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया, लेकिन जब प्रभारी मंत्री एके शर्मा के सामने यह मामला आया तो उन्होंने स्वीकार किया कि अपात्र जोड़ों की पहचान हुई है और उनकी सहायता राशि रोक दी गई है।
मीडिया में मामला सामने आने के बाद सामूहिक विवाह के लाभार्थियों का सत्यापन शुरू किया गया। जांच में पाया गया कि जौनपुर के 21 ब्लॉक में 6 जोड़े अपात्र थे। इनमें:
मुख्य विकास अधिकारी सीलम साईं तेजा इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं।
12 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1038 जोड़ों को आशीर्वाद दिया था। इसी दौरान यह फर्जीवाड़ा सामने आया। जिला प्रशासन भले ही अपात्र लाभार्थियों की ₹35,000 की सहायता राशि रोकने की बात कर रहा है, लेकिन असल सवाल यह है कि बिना सत्यापन के ऐसे लाभार्थियों का चयन कैसे हुआ?
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में अनियमितता उजागर होने के बाद कई अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। इस घोटाले में:
विवाह आयोजन से जुड़े लोग रडार पर आ चुके हैं।
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