झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के NICU में आग लगने से 10 बच्चे मर गए। 16 बच्चे घायल हुए हैं। इनकी स्थिति गंभीर है। अस्पताल में मौजूद लोगों ने कई बच्चों की जान बचाई। इनमें से एक कृपाल सिंह राजपूत हैं। इन्होंने करीब 25 बच्चों को आग से बचाया।
कृपाल सिंह ने मीडिया को आपबीती सुनाई। उन्होंने कहा, “ मैं यहां अपने पोते का इलाज कराने आया हूं। मेरे बेटे अनुज और बहू रजनी को बच्चा हुआ है। पोते को NICU में भर्ती किया गया था। यहां रखे गए बच्चों को समय-समय पर दूध पिलाने और दूसरी देखभाल के लिए मां या परिजन को बुलाया जाता है। घटना शुक्रवार रात 10 बजे की है। बुलाए जाने पर मैं NICU पहुंचा था तभी वहां आग लगी देखी।”
कृपाल ने कहा, “एक नर्स के शरीर में आग लग गई थी। उसका पैर झुलस गया है। नर्स चीखती-चिल्लाती भागी। इसके बाद मैं बच्चों को बचाने के लिए दौड़ा। मुझे लगा कि अब बच्चों के शरीर में आग लगने वाली है। उस समय अस्पताल के स्टाफ बाहर थे। मैंने देखा कि एक बेड पर 6-6 बच्चे थे। करीब 70 बच्चे रहे होंगे। मैंने खुद 20-25 बच्चों को बचाया। जहां ज्यादा आग लगी थी वहां जाना मुश्किल था। उस जगह को छोड़कर बाकी जगह से बच्चों को निकाला। जिसका बच्चा था उसे सौंप दिया। कम से कम 10-15 बच्चे जल गए। बहुत भीषण आग लग गई थी। बच्चों को जैसे-तैसे निकला।”
अस्पताल के NICU में एक्सपायर हो चुके अग्निशामक यंत्र पाए गए हैं। आग लगने के बाद भी सुरक्षा अलार्म नहीं बजा। इससे बच्चों को समय पर बाहर निकालने में देर हुई। जांच से पता चला है कि अग्निशमन सिलेंडरों पर भरने की तारीख 2019 और एक्सपायरी 2020 दर्ज की गई थी।
यह भी पढ़ें- झांसी: शॉर्ट सर्किट ने अस्पताल को बनाया श्मशान, जिंदा जल गए 10 बच्चे, 16 घायल