
Jhakarkati bus stand closure : कानपुर के लोगों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। अगर आपका आना-जाना झकरकटी बस अड्डे से होता है, तो जून माह के बाद आपको नई व्यवस्था के लिए तैयार रहना होगा। झकरकटी बस अड्डे को पूरी तरह बंद करके अब वहां दो से तीन वर्षों तक निर्माण कार्य चलेगा। इस दौरान यह स्थान पूरी तरह से बदलकर एक आधुनिक और सुविधाजनक बस टर्मिनल में तब्दील किया जाएगा।
यह प्रोजेक्ट पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत तैयार किया जाएगा, जिसकी शुरुआत मई के अंत या जून की शुरुआत से होने की संभावना है।
जब तक नया टर्मिनल तैयार नहीं हो जाता, तब तक झकरकटी से चलने वाली सभी रोडवेज बसों को वैकल्पिक स्थानों से संचालित किया जाएगा। इन स्थानों में मुख्य रूप से शामिल हैं:
अस्थायी अड्डों पर यात्रियों को आवश्यक जानकारी, समय सारणी और रूट की पूरी जानकारी पहले से उपलब्ध कराई जाएगी।
झकरकटी बस अड्डा कानपुर का सबसे बड़ा और व्यस्त बस टर्मिनल है। यहां से प्रतिदिन लगभग 1050 बसें उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों और अन्य राज्यों के लिए रवाना होती हैं। यह बस अड्डा लंबे समय से पार्किंग की समस्या, बढ़ती भीड़ और सीमित सुविधाओं से जूझ रहा है। अब इसे नए ज़माने की जरूरतों के मुताबिक तैयार किया जा रहा है।
नवीन झकरकटी बस अड्डा सिर्फ बस टर्मिनल नहीं, बल्कि एक मल्टी-यूटिलिटी ट्रांजिट हब के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें शामिल होंगी:
इस बस अड्डे को भविष्य में कानपुर मेट्रो स्टेशन से भी जोड़ा जाएगा, जिससे इंटरकनेक्टिविटी बेहतर होगी।
इस संपूर्ण परियोजना पर अनुमानित 143 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसका उद्देश्य झकरकटी को एक मॉडर्न ट्रांसपोर्ट हब में तब्दील करना है, जहां लंबी और छोटी दूरी की सभी बसें सुविधाजनक ढंग से संचालित हो सकें। वर्तमान में मेट्रो निर्माण के चलते बस अड्डे का कुछ हिस्सा अधिग्रहीत हो चुका है, जिससे बसों की पार्किंग और संचालन में बाधा आ रही है। इसी समस्या का स्थायी समाधान अब इस प्रोजेक्ट के रूप में तैयार किया गया है।
कानपुरवासियों को झकरकटी बस अड्डे के बंद होने से थोड़ी असुविधा जरूर होगी, लेकिन अगले कुछ वर्षों में जब यह नया टर्मिनल बनकर तैयार होगा, तब यह सिर्फ कानपुर की नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की पहचान बन जाएगा। आने-जाने वाले यात्रियों को सुविधाएं मिलेंगी, और शहर को मिलेगा एक आधुनिक ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर का तोहफा।
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