काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बना यूपी की अर्थव्यवस्था का नया इंजन, सवा लाख करोड़ का आर्थिक बूस्ट

Published : Oct 08, 2025, 04:33 PM IST
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सार

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर ने यूपी की अर्थव्यवस्था को सवा लाख करोड़ का बूस्ट दिया। दिसंबर 2021 से अब तक 25 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने किए दर्शन। मोदी-योगी मॉडल बना धार्मिक पर्यटन से विकास का नया प्रतीक।

उत्तर प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक राजधानी काशी अब सिर्फ आस्था का केंद्र नहीं, बल्कि आर्थिक प्रगति का प्रतीक बन चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन ने मिलकर काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर को एक ऐसी परियोजना में बदल दिया है, जिसने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को सवा लाख करोड़ रुपये का बूस्ट दिया है। दिसंबर 2021 में उद्घाटन के बाद से अब तक 25 करोड़ 28 लाख श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर चुके हैं। यह आंकड़ा न केवल पर्यटन की सफलता को दर्शाता है बल्कि यह भी दिखाता है कि काशी कैसे भारत के विकास का नया मॉडल बन चुकी है।

कॉरिडोर से काशी में आया रोजगार का सैलाब

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि कॉरिडोर के निर्माण के बाद काशी की अर्थव्यवस्था में जबरदस्त उछाल आया है। स्थानीय दुकानदारों, नाविकों, पुजारियों, होटल कारोबारियों और ठेलेवालों को नए रोजगार के अवसर मिले हैं। काशी का हर गली-मोहल्ला अब रोज़गार और पर्यटन से गुलजार है, जिससे लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।

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बेहतर सुरक्षा और कनेक्टिविटी से बढ़ा विदेशी पर्यटकों का रुझान

योगी सरकार ने काशी में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था, घाटों का सौंदर्यीकरण, और एयरपोर्ट से घाट तक शानदार रोड कनेक्टिविटी का विकास किया है। इन्हीं बदलावों के चलते देश-विदेश के पर्यटक अब बड़ी संख्या में काशी पहुंच रहे हैं। इस धार्मिक पर्यटन मॉडल ने उत्तर प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय मंच पर नई पहचान दिलाई है।

पूर्वांचल के विकास को मिला नया इंजन

संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के अर्थशास्त्री प्रोफेसर राजनाथ के अनुसार, प्रत्येक पर्यटक औसतन 4,000 से 5,000 रुपये खर्च करता है। इन तीन वर्षों में इस खर्च के आधार पर अनुमानित सवा लाख करोड़ रुपये का आर्थिक प्रवाह प्रदेश में हुआ है। इससे न केवल काशी बल्कि पूर्वांचल के अन्य जिलों की अर्थव्यवस्था को भी तेज़ी मिली है।

धार्मिक स्थलों से पूरे प्रदेश की जीडीपी में वृद्धि

रिपोर्ट के अनुसार, 70 प्रतिशत श्रद्धालु दक्षिण भारत से और 15 प्रतिशत अन्य राज्यों से काशी आते हैं। दर्शन के बाद ये श्रद्धालु प्रायः अयोध्या, प्रयागराज, मथुरा, चित्रकूट, नैमिषारण्य जैसे अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा करते हैं। इससे पूरे प्रदेश की अर्थव्यवस्था में ‘रिपलिंग इफेक्ट’ उत्पन्न होता है, जो जीडीपी वृद्धि का प्रमुख कारण बन गया है।

काशी बना राष्ट्रीय विकास का मॉडल

मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में काशी ने जो विकास की मिसाल पेश की है, वह अब पूरे देश के लिए विकास का मॉडल बन चुका है। कॉरिडोर से जुड़े रोजगार और पर्यटन ने लाखों लोगों के जीवन में बदलाव लाया है।

अयोध्या से विंध्याचल तक धार्मिक पर्यटन का नया युग

योगी सरकार अब काशी मॉडल को पूरे प्रदेश में लागू कर रही है। अयोध्या, मथुरा, चित्रकूट, नैमिषारण्य और विंध्याचल जैसे धार्मिक स्थलों का तेजी से विकास किया जा रहा है। इन परियोजनाओं से धार्मिक पर्यटन को उद्योग के रूप में स्थापित करने की दिशा में राज्य ने बड़ा कदम उठाया है।

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