लखनऊ : लिव-इन पार्टनर की हत्या, बीमा के पैसों के लिए शैतान बना अधिवक्ता!

Published : Jan 19, 2025, 10:45 AM ISTUpdated : Jan 19, 2025, 10:48 AM IST
lucknow live in partner murder advocate kills woman by safari car on raebareli road

सार

लखनऊ में एक अधिवक्ता ने अपनी लिव-इन पार्टनर की कथित तौर पर हत्या कर दी। पुलिस जांच में हादसे की आड़ में हत्या का खुलासा हुआ, करोड़ों के बीमे का शक।

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में रायबरेली रोड स्थित डिफेंस एक्सपो मैदान के पास एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। यहां अधिवक्ता गिरिजा शंकर पाल ने अपनी लिव-इन पार्टनर गीता शर्मा (31) की बेरहमी से हत्या कर दी। पहले इसे सड़क हादसा दिखाने की कोशिश की गई, लेकिन पुलिस जांच और सीसीटीवी फुटेज की मदद से पूरा मामला हत्या का निकला। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और हत्या में इस्तेमाल सफारी कार भी बरामद कर ली गई है।

जानिए क्या है मामला?

पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरिजा शंकर और गीता शर्मा पिछले 10 वर्षों से लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे थे। लेकिन हाल के दिनों में दोनों के बीच विवाद बढ़ गए थे। गिरिजा को गीता के अवैध संबंधों पर शक था, साथ ही दोनों के बीच पैसों को लेकर भी अनबन थी।

गीता शर्मा प्रॉपर्टी के कारोबार से जुड़ी थीं और उनका करोड़ों रुपये का बीमा भी था। पुलिस के अनुसार, गिरिजा ने गीता का बीमा करवाकर खुद को नॉमिनी बना लिया था और उसकी नजर बीमा की मोटी रकम पर थी। इसी लालच में उसने इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया।

यह भी पढ़ें : प्रेमी ने दी गर्भनिरोधक दवा, खाते ही हो गई 16 साल की किशोरी की मौत! फिर…

कैसे रची गई साजिश?

गुरुवार शाम को गीता शर्मा अपने फ्लैट से गिरिजा शंकर के साथ सफारी कार में निकली। दोनों रायबरेली रोड पर डिफेंस एक्सपो मैदान के पास पहुंचे, जहां गिरिजा ने गीता को कार से नीचे उतार दिया। जैसे ही गीता पैदल चलने लगी, गिरिजा ने सफारी से उसे पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। इस हमले में गीता गंभीर रूप से घायल हो गई और मौके पर ही दम तोड़ दिया। इसके बाद गिरिजा मौके से फरार हो गया।

हत्या को हादसा दिखाने की कोशिश

शुक्रवार सुबह गिरिजा शंकर ने पुलिस को फोन कर सूचना दी कि गीता की मौत सड़क हादसे में हो गई है। उसने गीता के भाई लालचंद को भी यही जानकारी दी। लेकिन जब पुलिस ने मामले की गहराई से जांच शुरू की, तो पूरी साजिश सामने आ गई।

सीसीटीवी फुटेज और सर्विलांस की मदद से पुलिस को पता चला कि यह महज हादसा नहीं, बल्कि एक सोची-समझी हत्या थी। गीता के भाई लालचंद ने गिरिजा पर हत्या का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया, जिसके बाद पुलिस ने गिरिजा को गिरफ्तार कर लिया।

हत्या के पीछे करोड़ों की बीमा राशि का खेल

पुलिस की पूछताछ में गिरिजा शंकर ने बताया कि उसने गीता का करोड़ों रुपये का बीमा करवा रखा था और खुद को नॉमिनी बना लिया था। उसकी योजना थी कि सड़क हादसे का रूप देकर बीमा की पूरी राशि हासिल कर ले।

गीता के भाई लालचंद के अनुसार, गिरिजा ने पहले भी गीता से 13 लाख रुपये हड़प लिए थे। जब इस बारे में गीता ने गिरिजा से बात की तो दोनों के बीच झगड़े होने लगे। धीरे-धीरे गिरिजा को शक होने लगा कि गीता उसे छोड़ सकती है, इसी डर और पैसों के लालच में उसने इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया।

आरोपी पर पहले से कई संगीन मामले दर्ज

पुलिस जांच में सामने आया कि गिरिजा शंकर पर पहले से ही हत्या समेत कई संगीन अपराधों के मामले दर्ज हैं। कृष्णानगर, पीजीआई, रायबरेली समेत कई जिलों में उसके खिलाफ गंभीर मुकदमे दर्ज हैं।

इतना ही नहीं, कृष्णानगर पुलिस पहले ही गिरिजा के खिलाफ गैंगस्टर ऐक्ट के तहत कार्रवाई कर चुकी है। पुलिस के अनुसार, गिरिजा रायबरेली के मठिया गांव का रहने वाला है, और गीता भी उसी गांव से ताल्लुक रखती थी। दोनों की दोस्ती पुरानी थी, लेकिन गिरिजा की शादी के बाद बातचीत बंद हो गई थी। बाद में गिरिजा ने अपनी पत्नी को छोड़ दिया और गीता के साथ लिव-इन में रहने लगा।

पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

पुलिस ने इस जघन्य हत्याकांड में गिरिजा शंकर को गिरफ्तार कर लिया है और हत्या में इस्तेमाल सफारी कार भी बरामद कर ली है। फिलहाल पुलिस गहन जांच में जुटी है और आरोपी को जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा।

यह भी पढ़ें : बांदा : तीन साल की बच्ची के साथ हैवानियत! घटना सुन कांप जाएंगे आप!

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

योगी सरकार की सशक्तिकरण नीति से सर्वोदय विद्यालय के छात्रों की राष्ट्रीय स्तर पर चमक
योगी सरकार की बाल श्रमिक विद्या योजना से 20 जिलों में 2000 बच्चों को मिलेगा लाभ