राजधानी के त्रिवेणी नगर में डेढ़ महीने में ही एक परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। इस घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है। बीते 31 मार्च को सूरज प्रताप सिंह के बेटे कृष्णकांत की हार्टअटैक से मौत हो गई।
लखनऊ। राजधानी के त्रिवेणी नगर में डेढ़ महीने में ही एक परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। इस घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है। बीते 31 मार्च को सूरज प्रताप सिंह के बेटे कृष्णकांत की हार्टअटैक से मौत हो गई। बेटे की मौत के बाद पिता सूरज प्रताप ने गोली मार खुदकुशी कर ली तो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। अब सूरज के दूसरे बेटे श्रीकांत सिंह ने भी सुसाइड कर लिया है। दूसरे बेटे की मौत की खबर सुनकर मॉं को हार्टअटैक आ गया। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
क्या है मामला?
सीतापुर के रहने वाले रिटायर इंजीनियर नागेन्द्र प्रताप सिंह का खुशहाल परिवार था। वह अपने बेटे सूरज प्रताप सिंह, उसकी पत्नी रूबी और अपने दो पोतों 24 वर्षीय श्रीकांत और 18 वर्षीय कृष्णकांत के साथ रह रहे थे। बीती 31 मार्च की सुबह कृष्णकांत की हार्टअटैक की वजह से मृत्यु हो गई। बेटे की मौत के कुछ देर बाद ही पिता सूरज प्रताप ने लाइसेंसी रायफल से खुद की जान ले ली। बीते सोमवार की सुबह नागेन्द्र ने पड़ोसियों को बताया कि उनका दूसरा पोता श्रीकांत स्वस्थ नहीं लग रहा है। उसे डॉक्टर के यहां ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने श्रीकांत को मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि जहरीले पदार्थ का सेवन करने की वजह से उसकी मौत हुई।
मॉं का अस्पताल में चल रहा इलाज
बेटे की मौत की खबर सुनकर मॉं रूबी को हार्टअटैक आ गया। वह पहले से ही पति और बेटे की मौत से दुखी थीं। अब उनका इकलौता सहारा भी नहीं बचा था। पड़ोसी उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले गया। जहां उनका इलाज चल रहा है। पड़ोसियों के अनुसार, श्रीकांत ने बीटेक किया था और नौकरी करता था। तीन साल पहले नौकरी जाने के बाद वह घर पर ही रहता था। वैसे भी वह बहुत कम बोलता था। भाई और पिता की मौत के बाद वह गुमसुम रहने लगा था। सुबह मॉं रूबी उसे जगाने गई तो उसके शरीर में कोई हरकत नहीं थी।
सदमे में हैं दादा
बेटे और दो पोतों की मौत के बाद नागेन्द्र सदमे में है। एक तरफ वह परिवार के सदस्यों की मौत पर दुखी हैं और दूसरी ओर अस्पताल में भर्ती अपनी बहू का हालचाल भी ले रहे हैं। हालत ये थी कि कुछ रिश्तेदार अस्पताल पहुंचे तो कुछ मर्च्यूरी। पूरा मोहल्ला भी सदमे में है। बहरहाल, पोस्टमार्टम के बाद श्रीकांत का गुलाला घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।