लखनऊ के राजकीय बालगृह में बच्चियों की मौत का मामला सामने आया है। 5 दिनों ने 4 मौतों के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं। वहीं इस बीच निरीक्षण के लिए टीम भी मौके पर पहुंची है।
लखनऊ: राजकीय बाल गृह की एक ओर बच्ची ने मंगलवार को दम तोड़ दिया। सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान 3 माह की बच्ची दीपा की हालत बिगड़ने पर उसे केजीएमयू ट्रामा सेंटर भेजा गया था। इस बीच सिविल में भर्ती दो माह की मून की तबियत भी नाजुक बनी हुई है। 4 बच्चियों की मौत और कई अन्य के बीमार होने के बाद बाल गृह के अधीक्षक को नोटिस जारी किया गया है। इसी के साथ मामले में मैजिस्ट्रीरियल जांच को लेकर सिफारिश भी की गई है।
हालत बिगड़ने पर मासूम को भेजा गया था ट्रामा सेंटर
हजरतगंज के प्राग नारायण रोड पर बने राजकीय बाल गृह(शिशु) में 4 बच्चियों की मौत का मामला सामने आया है। यहां से तबीयत खराब होने के बाद सिविल अस्पताल पहुंची अंतरा, आयुशी, लक्ष्मी की सोमवार को ही मौत हो गई थी। इस बीच दीपा की हालत बिगड़ने पर उसे ट्रामा सेंटर भेजा गया। जहां इलाज के दौरान उसने भी मंगलवार को दम तोड़ दिया। जानकारी मिली की कई अन्य बच्चे भी बीमार हैं। इसके बाद जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास सिंह और कई अधिकारी मंगलवार को बाल गृह भी गए।
मैजिस्ट्रीरियल जांच को लेकर डीएम को लिखा गया पत्र
टीम ने जांच में एक माह से दो साल के बच्चों की सेहत के बारे में जानकारी हासिल की। इसी के साथ उनके आहार आदि को लेकर भी मौके पर मौजूद लोगों से बातचीत की गई। मामले में बाल गृह के अधीक्षक किंशुक त्रिपाठी को नोटिस भी जारी किया गया है और एक सप्ताह में जवाब मांगा गया है। इसी के साथ जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगावार को मैजिस्ट्रीरियल जांच के लिए पत्र लिख गया है।
निरीक्षण के बाद कमरों की संख्या बढ़ाने का निर्देश
प्राप्त जानकारी के अनुसार राजकीय बाल गृह (शिशु) के 7 कमरों में 75 बच्चों को रखा गया है। इसमें एक माह से दो साल के बीच के 35 बच्चे एक ही कमरे में हैं। निरीक्षण के बाद अधिकारियों ने इन बच्चों के बीच डिस्टेंस मेंटेन करने और कमरों की संख्या बढ़ाने को लेकर भी निर्देश जारी किया है।