भाजपा से त्यागपत्र देते हुए भावुक हुए शिव प्रताप शुक्ल, शिवरात्रि के दिन संस्कृत भाषा में लेंगे राज्यपाल पद की शपथ

शिव प्रताप शुक्ल हिमाचल प्रदेश के गर्वनर के तौर पर 18 फरवरी को शपथ लेंगे। इससे पहले उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दिया। इस दौरान शिव प्रताप भावुक नजर आए। उन्होंने कहा कभी नहीं सोचा था भाजपा से इस्तीफा दूंगा।

Contributor Asianet | Published : Feb 15, 2023 6:45 AM IST

गोरखपुर: हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल पद की शपथ लेने को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने भाजपा से त्यागपत्र दिया। उन्होंने अपना त्यागपत्र क्षेत्रीय अध्यक्ष डॉ. धर्मेंद्र सिंह को सौंपा। इस बीच शिव प्रताप पार्टी से अपने 39 साल पुराने रिश्ते को याद कर भावुक भी हो गए। उन्होंने कहा कि कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि पार्टी से त्यागपत्र देना पड़ेगा। इस दौरान वह पर क्षेत्रीय महामंत्री और सहजनवां विधायक प्रदीप शुक्ल, जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह समेत कई लोग मौजूद रहें।

शिवरात्रि के दिन होगा शपथग्रहण, संस्कृत में लेंगे शपथ

आपको बता दें कि शिव प्रताप शुक्ल 18 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर शपथ लेंगे। यह कार्यक्रम शिवरात्रि के दिन होगा। इसके लिए शिव प्रताप 17 फरवरी की शाम को ही हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला पहुंच जाएंगे। वह संस्कृत में शपथ लेंगे। आपको बता दें कि शिव प्रताप इससे पहले राज्यसभा के सदस्य की शपथ भी संस्कृत में ले चुके हैं।

निभा चुके हैं कई अहम जिम्मेदारियां

पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ल की पहचान पूर्वांचल की राजनीति के ब्राह्मण चेहरे के रूप में होती है। पार्टी ने उन्हें समय-समय पर कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां भी दीं। उन्हें संगठन में पदाधिकारी और प्रदेश से लेकर केंद्र सरकार के मंत्रालय की भी जिम्मेदारी सौंपी गई। राज्यसभा की सदस्यता समाप्त होने के बाद छह माह में उन्हें हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल की जिम्मेदारी मिलने जा रही है। वहीं कुछ लोग इसे पूर्वांचल में ब्राह्मणों को साधने की कवायद भी मान रही है। ज्ञात हो कि शिव प्रताप शुक्ल का राजनीतिक करियरल एबीवीपी के कार्यकर्ता के रूप में हुआ था। वह विद्यार्थी परिषद के प्रदेश संगठन मंत्री भी रहे। उन्होंने गोरखपुर विवि से छात्र राजनीति की। इसके बाद राजनीति के दूसरे पड़ाव में उन्होंने भाजपा युवा मोर्चा में प्रदेश मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। वह गोरखपुर नगर से चार बार विधायक रहे हैं। उन्होंने चार बार प्रदेश सरकार में मंत्री भी बनाया गया।

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