
मेरठ: 500 और 1000 के प्रतिबंधित नोट का इस्तेमाल कर आफताब उसके जीजा शाहिद ने गिरोह बनाकर नकली नोट बनाने का काम किया। पुलिस ने और सुरक्षा एजेंसियों ने जब इन नकली नोट की जांच की तो यह काफी बेहतर क्वालिटी में मिले। इन्हें आसानी से पकड़ पाना काफी ज्यादा मुश्किल था। जिसके बाद पुलिस इन नोट को इंदौर या नासिक लैब भेजकर जांच करवाने की बात कह रही है।
दुकानदार से सामान खरीदने में हो रहा था नकली नोट का इस्तेमाल
माना जा रहा है कि लैब की रिपोर्ट आने के बाद आरोपी जीजा-साले के खिलाफ यूएपीए एक्ट (आतंकवादी क्रियाकलाप के लिए दंड) के तहत केस दर्ज हो सकता है। इस मामले में एटीएस, एनआईए, आईबी समेत कई एजेंसियां जांच में लगी हुई हैं। आपको बता दें कि घंटाघर के पास दुकानदारों को दो-दो हजार का नकली नोट देकर सामान खरीदे आफताब को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पहले वह सुरक्षा एजेंसियों को गुमराह करने का प्रयास करता रहा। हालांकि बाद में उसने अपने जीजा शाहिद का नाम भी बताया।
80 फीसदी असली नोट जैसी होती थी क्वालिटी, पकड़े जाने पर आरोपी ने किया नाटक
अहमदनगर लिसाड़ीगेट निवासी आफताब ने कैराना निवासी जीजा शाहिद से यह नकली नोट लाने की बात कही। पुलिस ने जब आफताब को पकड़ा तो 2 बार उसने हार्ट अटैक आने का झूठा नाटक भी किया। इसके बाद जिला अस्पताल में उसका मेडिकल चेकअप करवाया गया। वहीं नकली नोट का पाकिस्तान से कनेक्शन भी खंगाला जा रहा है। इन तथ्यों का पता लगाने के लिए देहलीगेट पुलिस सुरक्षा एजेंसियों के साथ जांच में लगी हुई है। शुरुआती पड़ताल में सामने आया कि यह नकली नोट क्वालिटी में 80 फीसदी असली नोट के जैसे ही होते थे। इन्हें हाई क्वालिटी पेपर पर स्कैन किया गया होता था और प्रतिबंधित 500-1000 के नोट का सुरक्षा धागा (सिक्योरिटी थरेड) भी इसमें इस्तेमाल किया जाता था। इसी के चलते नोट को घुमाने पर उसमें नीला और हरा रंग भी दिखता था। इसी पहचान के चलते लोग इस नकली नोट को पकड़ नहीं पा रहे थे।
यह है यूएपीए एक्ट
मामले में इंदौर या नासिक लैब भेजकर नोटों की जांच करवाने की बात सामने आ रही है। रिपोर्ट से पता लगेगा कि इस नकली नोट को बनाने में क्या-क्या इस्तेमाल किया गया है। इसके बाद आरोपी आफताब और जीजा शाहिद पर दर्ज मुकदमे में यूएपीए की धारा की भी बढ़ोत्तरी की जाएगी। आपको बता दें कि देश की एकता, अखंडता, सुरक्षा या फिर प्रभुता को संकट में डालने, जनता के लिए आतंक फैलाने या आतंक फैलाने की संभवना या अन्य आतंकवादी क्रियाकलापों के लिए यूएपीए एक्ट प्रभावी होता है।
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