उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन विभाग में 450 करोड़ की वसूली हुई प्रभावित, जानें भविष्य में क्या पड़ेगा इसका असर

यूपी पावर कारपोरेशन लिमिटेड हर दिन करीब डेढ़ सौ करोड़ का सीधे नुकसान उठा रहा है। राज्य में चल रही हड़ताल की वजह से तीन दिन में करीब साढ़े चार सौ करोड़ की वसूली प्रभावित हुई है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड हर दिन करोड़ों रुपए का सीधे नुकसान उठा रहा है। राज्य में तीन दिन में करीब साढ़े चार सौ करोड़ की वसूली प्रभावित हुई तो डेढ़ सौ करोड़ की हानि हुई है। पूरे राज्य के सभी वितरण निगम एक लाख करोड़ रुपए के घाटे पर चल रहे हैं। विभाग ने घाटे को पूरा करने के लिए मार्च के महीने में विशेष अभियान भी चलाया था। जिसमें सभी निगमों के करीब 40 इलाके को विशेष घाटे वाले क्षेत्र के रूप में चयनित किया गया था।

वसूली के बीच शुरू हो गई हड़ताल

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राज्य के विभिन्न इलाकों को घाटे वाली जगह घोषित करने के बाद सभी क्षेत्रों में मुख्यालय के अधिकारियों को भेज कर अलग-अलग टीमें गठित की गई थी। इन टीमों को समग्र वसूली की जिम्मेदारी दी गई थी। साथ ही कारपोरेशन में एकमुश्त समाधान योजना लागू करने की तैयारी चल रही थी। इसको लेकर योजना थी कि मार्च के महीने में उपभोक्ताओं को छूट देकर ज्यादा से ज्यादा वसूली की जाए लेकिन इस बीच हड़ताल शुरू हो गई। जानकारों का कहना है कि कारपोरेशन ने सभी निगम में अतिरिक्त कर्मचारियों को लगाकर आपूर्ति व्यवस्था बहाल कर रखी है लेकिन राजस्व वसूली हर दिन प्रभावित हो रही है।

हड़ताल लंबे समय तक चलने पर होगा भारी नुकसान

दूसरी ओर मिल रही जानकारी के अनुसार हर दिन करीब 132 करोड़ रुपए की राजस्व वसूली होती है मगर मार्च के महीने में यह बढ़कर डेढ़ सौ करोड़ रुपए तक पहुंच गई थी। अगर इसके हिसाब से देखा जाए तो कार्य बहिष्कार और हड़ताल को मिलाकर तीन दिन में करीब 450 साढ़े करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। साथ ही अतिरिक्त कर्मचारियों की तैनाती अन्य संसाधनों के विकास में भी हर दिन करीब 50 लाख रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा है। इसके अलावा कारपोरेशन के अधिकारियों का कहना यह भी है कि हड़ताल लंबे समय तक चली तो पहले से घाटे में चल रहे निगम को अतिरिक्त घाटा उठाना पड़ सकता है। इसका सीधा असर भविष्य की परियोजनाओं और कर्मचारियों को मिलने वाले विभिन्न लाभ पर पड़ेगा।

राजस्व वसूली समेत कई गतिविधियां होगी ठप

पावर कारपोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन एम देवराज का कहना है कि पहली प्राथमिकता उपभोक्ताओं को किसी तरह की दिक्कत न होने देना है। इस कारणवश अलग-अलग निजी संस्थानों से भी तकनीकी कर्मचारियों को बुलाया गया है। उन्होंने आगे कहा कि राजस्व वसूली सहित विभिन्न तरह की गतिविधियां ठप होने का असर भविष्य में भी कर्मचारियों पर पड़ना तय है। इसी वजह से बार-बार कर्मचारियों से अपील की जा रही है कि वह मार्च महीने की महत्ता को देखते हुए तत्काल काम पर लौटे। इस महीने में ज्यादा से ज्यादा राजस्व वसूली में सहयोग करें।

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