
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लंबे समय से विवादों में घिरी सहारा सिटी को नगर निगम ने सोमवार को सील कर दिया। इस कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल की मौजूदगी थी, लेकिन कर्मचारियों ने सीलिंग के खिलाफ जमकर विरोध जताया। कर्मचारियों का कहना था कि पहले अंदर रह रहे परिवारों को सुरक्षित बाहर निकाला जाए, तभी वे इस कार्यवाही में सहयोग करेंगे।
सुब्रतो राय की 130 एकड़ जमीन पर बनी आलीशान हवेली जिसे सहारा इंडिया परिवार का घर माना जाता है, आज नगर निगम के कब्जे में आ गया। इस प्रॉपर्टी को प्रशासन ने पहले ग्रीन बेल्ट और आवासीय कॉलोनी विकसित करने के लिए आवंटित किया था, लेकिन सहारा समूह ने इसे विकास ना कर महल का रूप दे दिया। 1997 में नगर निगम ने इस जमीन पर लीड डीड कैंसिल कर दी थी, और अब कोर्ट के आदेश के बाद इसे सील किया गया।
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नगर निगम की टीम पहली बार 1 अक्टूबर को सहारा सिटी सील करने पहुंची थी, लेकिन उस समय सहारा के प्रतिनिधियों ने समय मांगा था और तीन दिन की मोहलत दी गई थी। सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बल, ETF और पीएसी भी मौके पर मौजूद थे। सोमवार को नगर निगम ने इस मोहलत के बाद कड़क कार्रवाई करते हुए सीलिंग पूरी की। सीलिंग के दौरान कर्मचारियों ने जोरदार विरोध किया और नगर निगम प्रशासन से मांग की कि पहले सहारा सिटी में रह रहे परिवारों को बाहर निकाला जाए। अभी भी कई परिवार अंदर हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस मुद्दे को लेकर प्रशासन और कर्मचारियों के बीच चर्चाएँ जारी हैं।
यह घटना सहारा सिटी के खिलाफ लंबे समय से चल रहे विवाद का हिस्सा है। नगर निगम की यह सख्त कार्रवाई लखनऊ में भूमि उपयोग और विकास नियमों के पालन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
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