एक साथ कई त्योहार पड़ने पर प्रमुख सचिव ने दिए अहम निर्देश, कानून व्यवस्था को लेकर सभी अधिकारियों को बताया पूरा प्लान

यूपी में आगामी 22 अप्रैल को ईद-उल-फितर, अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती का पर्व एक ही दिन होना संभावित है। इसे लेकर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह ने सभी जिलों के अधिकारियों को पूरा प्लान बताया है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बुधवार को प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार और पुलिस महानिदेशक आरके विश्वकर्मा द्वारा सभी एडीजी जोन, जिलाधिकारी, मंडलायुक्त, आईजी, डीआईजी, पुलिस कमिश्नर, एसएसपी, एसपी इत्यादि के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए है। इस दौरान प्रमुख सचिव का कहना था कि बीते कई सालों में राज्य में सभी धर्मों के पर्व व त्योहार शांति और सौहार्द के माहौल के बीच संपन्न हुआ हैं। इसकी वजह से प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में अच्छा संदेश गया है।

शरारतपूर्ण बयानबाजी के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई

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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा चल रही बैठक में प्रमुख सचिव कहते है कि राज्य में हर एक नागरिक की सुरक्षा हम सभी का प्राथमिक दायित्व है, इसलिए सबसे पहले इस दायित्व के प्रति सदैव सतर्क-सावधान रहना होगा। रमजान का महीना चल रहा है और आगामी 22 अप्रैल को ईद-उल-फितर, अक्षय तृतीया और परशुराम जयंती का पर्व एक ही दिन होना संभावित है। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान परिवेश को देखते हुए पुलिस को अतिरिक्त संवेदनशील रहना होगा। इसको ध्यान में रखते हुए सभी पर्व शांति और सौहार्द के बीच संपन्न हो सके। इसके लिए जरूरी है कि स्थानीय जरूरतों को दृष्टिगत सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। साथ ही शरारतपूर्ण बयानबाजी जारी करने वालों के साथ भी कड़ाई से पेश आएं। इसके अलावा माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता की जाए।

सोशल मीडिया पर भी बनाए रहे संवेदनशील नजर

प्रमुख सचिव ने आगे निर्देश दिए है कि फील्ड में तैनात सभी अधिकारी यह सुनिश्चित कराएं कि धार्मिक कार्यक्रम, पूजा-पाठ आदि निर्धारित स्थान पर ही हों। आगे कहते है कि किसी भी वजह से सड़क मार्ग, यातायात बाधित कर कोई धार्मिक आयोजन न हो। पहले भी संवाद-संपर्क के माध्यम से इनमें सफलता पाई है। इस साल भी बिल्कुल ऐसा ही प्रयास करना होगा। उनके द्वारा यह भी निर्देश दिए गए है कि कोई शोभायात्रा या धार्मिक जुलूस बिना विधिवत अनुमति के न निकाली जाए। यह अनुमति सिर्फ उन्हीं धार्मिक जुलूसों को दिया जाए, जो पारंपरिक हों। किसी भी नए आयोजनों को अनावश्यक अनुमति न दी जाए। इन सबके अलावा उन्होंने सोशल मीडिया को लेकर अधिकारियों को संवेदनशील रहने की जरूरत भी बताई।

जीरो टॉलरेंस की नीति के अनुरूप कठोरता से जाए निपटा

इस समीक्षा बैठक में पुलिस महानिदेशक आरके विश्वकर्मा ने सभी जोन, रेंज और जिला स्तरीय अधिकारियों से आगामी पर्व-त्योहारों को लेकर की गई तैयारियों का ब्यौरा लिया। उन्होंने कहा कि त्योहार के बीच सामाजिक सौहार्द बना रहे और इसके लिए संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की जाए। आगे कहते है कि ड्रोन का उपयोग कर स्थिति पर नजर रखें और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम हों। दूसरी ओर स्पेशल डीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार का कहना है कि सामाजिक शांति और सौहार्द के लिए पुलिस सतर्क और सावधान रहे। उन्होंने कहा कि कुछ अराजक तत्व पर्व-त्योहार के बीच सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास कर सकते हैं। ऐसे लोगों के साथ जीरो टॉलरेंस की नीति के अनुरूप कठोरता से निपटा जाए।

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