
Prayagraj Mahakumbh 2025 global impact : महाकुंभ 2025 की भव्यता और इसके मैनेजमेंट ने न केवल भारत बल्कि दुनिया के तमाम देशों को चौंका दिया है। 62 करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान की व्यवस्था करना किसी चमत्कार से कम नहीं है, और अब इस अद्भुत आयोजन की चर्चा अमेरिका तक पहुंच गई है।
प्रयागराज महाकुंभ में उमड़ रही अप्रत्याशित भीड़ और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए गए प्रभावी इंतजामों ने अमेरिका तक के शोधकर्ताओं को हैरान कर दिया है। प्रतिष्ठित कोलंबिया विश्वविद्यालय ने महाकुंभ को लेकर एक स्टडी शुरू की है, जिसमें डिजिटल महाकुंभ की अवधारणा पर शोध किया जाएगा।
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गंगाजल की पवित्रता सिर्फ भारतीयों के बीच ही नहीं बल्कि विदेशी नागरिकों के बीच भी आस्था का केंद्र बनी हुई है। बड़ी संख्या में अमेरिकी नागरिकों ने प्रयागराज महाकुंभ से गंगाजल मंगवाया है, जिससे उनकी आस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फरवरी के तीसरे हफ्ते में महाकुंभ में स्नान करने पहुंचे पद्मश्री डॉ. निरुपम बाजपेयी ने बताया कि अमेरिका से कई विश्वविद्यालय इस बार महाकुंभ के आयोजन और उसके प्रबंधन को लेकर अध्ययन कर रहे हैं। खासतौर पर यूपी सरकार ने जिस तरह से करोड़ों लोगों की व्यवस्था को सुचारू रूप से संभाला है, वह एक रिसर्च का विषय बन चुका है।
यह पहला मौका नहीं है जब महाकुंभ को लेकर विदेशी संस्थानों ने रुचि दिखाई हो। इससे पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ता प्रयागराज आकर इस अनूठे आयोजन का अध्ययन कर चुके हैं। लेकिन इस बार का महाकुंभ अपने विशाल स्वरूप और डिजिटल युग में किए गए इनोवेशन के चलते और भी खास बन गया है। महाकुंभ अब सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सांस्कृतिक और प्रशासनिक दक्षता का एक वैश्विक उदाहरण बन चुका है, जिसकी गूंज सात समंदर पार तक सुनाई दे रही है!
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