इस वैज्ञानिक ने कर दिया दूध का दूध, पानी का पानी! खोल दिया संगम के पानी का राज! उड़ जाएगी नींद!

Published : Feb 22, 2025, 04:28 PM IST
mahakumbh 2025 ganga water purity scientific research bacteriophage study

सार

Bacteriophages in ganga: महाकुंभ में करोड़ों स्नान के बाद भी गंगा का जल शुद्ध कैसे रहता है? वैज्ञानिकों ने इसका रहस्य खोज निकाला है - बैक्टीरियोफेज! जानिए कैसे ये सूक्ष्म जीव गंगा को स्वच्छ रखते हैं।

Purity Level of Ganga water Dr Ajay Sonkar:  महाकुंभ में अब तक 60 करोड़ से अधिक श्रद्धालु गंगा में स्नान कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद गंगा जल पूरी तरह से शुद्ध और रोगाणुमुक्त बना हुआ है। इस रहस्य से पर्दा उठाते हुए प्रसिद्ध वैज्ञानिक पद्मश्री डॉक्टर अजय सोनकर ने बताया कि गंगा में मौजूद 1100 प्रकार के बैक्टीरियोफेज हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म कर जल को शुद्ध बनाए रखते हैं।

गंगा जल की स्व-शुद्धिकरण क्षमता का वैज्ञानिक आधार

गंगा नदी में पाए जाने वाले बैक्टीरियोफेज सूक्ष्म जैविक तत्व होते हैं, जो हानिकारक बैक्टीरिया को पहचानकर उन्हें खत्म कर देते हैं।

  • बैक्टीरियोफेज, बैक्टीरिया से 50 गुना छोटे होते हैं लेकिन इनकी शक्ति अत्यधिक प्रभावी होती है।
  • ये बैक्टीरिया के अंदर प्रवेश कर उनके आरएनए को निष्क्रिय कर देते हैं और उन्हें पूरी तरह से समाप्त कर देते हैं।
  • स्नान के दौरान शरीर से निकले हानिकारक जीवाणुओं को गंगा में मौजूद बैक्टीरियोफेज तुरंत नष्ट कर देते हैं।
  • इनका असर केवल हानिकारक बैक्टीरिया पर होता है, जबकि लाभकारी जीवाणु पूरी तरह से सुरक्षित रहते हैं।

यह भी पढ़ें: क्या महाकुंभ का पवित्र जल वाकई दूषित? वैज्ञानिकों ने उठाए सवाल

गंगा को ‘सिक्योरिटी गार्ड’ क्यों कहा जाता है

गंगा जल में मौजूद बैक्टीरियोफेजों को वैज्ञानिक गंगा का सुरक्षा कवच भी कहते हैं। दुनिया की अन्य मीठे जल की नदियों में इस प्रकार की प्राकृतिक शुद्धिकरण प्रक्रिया देखने को नहीं मिलती। महाकुंभ जैसे आयोजनों में जब लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान करते हैं, तब यह प्रक्रिया और तेज हो जाती है।

  • डॉ. सोनकर के अनुसार, गंगा जल में मौजूद 1100 प्रकार के बैक्टीरियोफेज विभिन्न प्रकार के हानिकारक जीवाणुओं को पहचानकर खत्म कर देते हैं।
  • एक बैक्टीरियोफेज कुछ ही समय में 100-300 नए फेज उत्पन्न कर अन्य बैक्टीरिया पर हमला करता है।
  • यह प्रक्रिया समुद्री जल की स्वच्छता प्रणाली के समान होती है, जिसे वैज्ञानिक ओशनिक एक्टिविटी कहते हैं।
  • गंगा जल में होने वाली यह स्व-शुद्धिकरण प्रक्रिया जल को प्राकृतिक रूप से स्वच्छ बनाए रखती है।

मेडिकल साइंस में बैक्टीरियोफेज का उपयोग संभव

डॉ. अजय सोनकर का मानना है कि बैक्टीरियोफेज का उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में भी किया जा सकता है। इससे केवल हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट किया जा सकता है, जबकि लाभकारी बैक्टीरिया सुरक्षित रहते हैं। इस खोज से कैंसर, हृदय रोग और मधुमेह जैसी बीमारियों के उपचार में भी नए आयाम खुल सकते हैं। गंगा जल की इस अद्भुत विशेषता पर दुनियाभर के वैज्ञानिक शोध कर रहे हैं।

  • हार्वर्ड मेडिकल स्कूल – गंगा जल की जैविक विशेषताओं पर अध्ययन
  • टोक्यो इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी – सेल बायोलॉजी और ऑटोफैगी पर शोध
  • राइस यूनिवर्सिटी, अमेरिका – डीएनए और जैविक जीन अनुक्रमण पर अध्ययन
  • वेगेनिंगन यूनिवर्सिटी, नीदरलैंड – कैंसर और पोषण विज्ञान पर शोध

गंगा की शुद्धता – वैज्ञानिक तथ्य या आध्यात्मिक मान्यता

गंगा जल की शुद्धता को लेकर वैज्ञानिक शोध और आध्यात्मिक मान्यताएं दोनों ही इसे एक अनूठी प्राकृतिक शक्ति मानते हैं। डॉ. सोनकर के अनुसार, गंगा की यह विशेषता प्रकृति का संदेश है कि जैसे गंगा स्वयं को शुद्ध बनाए रखती है, वैसे ही मनुष्य को भी अपने पर्यावरण को स्वच्छ रखने का प्रयास करना चाहिए।

कौन हैं डॉ. अजय सोनकर

डॉ. अजय सोनकर भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने समुद्र में मोती उत्पादन की विधा में जापान के एकाधिकार को समाप्त किया और दुनिया का सबसे बड़ा एवं बहुमूल्य मोती बनाया। उनके शोध कार्यों को अमेरिका, जापान और यूरोप की प्रतिष्ठित वैज्ञानिक संस्थाओं में सराहा गया है।

  • नीदरलैंड की वेगेनिंगन यूनिवर्सिटी – कैंसर और पोषण विज्ञान पर शोध
  • राइस यूनिवर्सिटी, ह्यूस्टन, अमेरिका – डीएनए और जैविक जीन अनुक्रमण पर अध्ययन
  • हार्वर्ड मेडिकल स्कूल – संज्ञानात्मक स्वास्थ्य पर शोध
  • टोक्यो इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी – सेल बायोलॉजी और ऑटोफैगी पर अध्ययन

डॉ. अजय को 2004 में बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के जे.सी. बोस इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंस में लाइफटाइम प्रोफेसर नियुक्त किया गया था। इसके अलावा, पूर्वांचल यूनिवर्सिटी ने 2000 में उन्हें डॉक्टर ऑफ साइंस की उपाधि से सम्मानित किया था।

यह भी पढ़ें: महाकुंभ से निकला 14 हजार मीट्रिक टन कूड़ा! सरकार ने इतने वेस्ट का क्या किया? हैरान रह जाएंगे आप!

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

एमपी शिक्षा परिषद का 93वां संस्थापक सप्ताह, सीएम योगी और राज्यपाल करेंगे पुरस्कार वितरण
CM योगी की एक और सौगात, जानिए कैसे देश-दुनिया के लिए Skilled Hub हब बनेगा UP