महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए पुलिसकर्मियों को ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने और विशेष सॉफ्ट स्किल्स और भीड़ प्रबंधन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जानें पुलिस बल की तैयारियां और क्या होगा पहली बार नया नियम।
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने की तैयारियां पूरे जोरों पर चल रही हैं। इस बार मेला ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों के लिए एक नया नियम लागू किया गया है—उन्हें अपनी ड्यूटी अटेंडेंस ऑनलाइन दर्ज करनी होगी। प्रयागराज रेंज के पुलिस महानिरीक्षक प्रेम कुमार ने बताया कि मेला ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है। यह प्रक्रिया इसी सप्ताह से शुरू होगी, जिसमें कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर तक सभी रैंक के पुलिसकर्मियों को अपनी उपस्थिति अंगूठे के निशान या ऐप के माध्यम से ऑनलाइन दर्ज करनी होगी।
मेला रिजर्व पुलिस लाइन में शुरू हुई पुलिस वालों की ट्रेनिंग
इस बीच कुंभ मेला पुलिस रिजर्व लाइन में पहले बैच के लगभग 2,000 पुलिसकर्मियों ने प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया है। उन्हें भीड़ और आपदा प्रबंधन के साथ-साथ सॉफ्ट स्किल्स का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि पुलिसकर्मी कुंभ मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं पर अच्छा प्रभाव डालें, जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल होंगे।
30,000 पुलिस कर्मियों को तीन चरणों में किया जाएगा ट्रेंड
कुंभ मेला पुलिस लगभग 30,000 पुलिसकर्मियों को तीन चरणों में शिष्टाचार का पाठ पढ़ाने की योजना बना रही है। यह रणनीति इस उद्देश्य से बनाई गई है कि मेला ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी आगंतुकों के साथ बेहतर संवाद कर सकें। विशेष रूप से, पुलिसकर्मियों को अंग्रेजी के साथ-साथ जर्मन और स्पेनिश जैसी विदेशी भाषाओं का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे विदेशी आगंतुकों की अधिक प्रभावी मदद कर सकें।
अभी तक 10% पुलिस बल मेला ड्यूटी पर पहुंच चुका
एडीजी (प्रयागराज जोन) भानु भास्कर ने बताया कि मेला ड्यूटी के लिए कुल 10% पुलिस बल पहले ही पहुंच चुका है, जिन्हें तीन सप्ताह का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बाकी पुलिस बल नवंबर और दिसंबर में क्रमशः 40% और 50% पहुंचेगा। एडीजी भानु भास्कर ने यह भी बताया कि दूसरे और तीसरे बैच के पुलिसकर्मियों को भी सॉफ्ट स्किल्स और भीड़ नियंत्रण पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
लैंग्वेज ट्रेनिंग का भी चलेगा स्पेशल कोर्स
महाकुंभ 2025 के दौरान विदेशी नागरिकों की मदद के लिए भाषा का कोई अवरोध नहीं होगा, क्योंकि पुलिसकर्मियों को विदेशी भाषाओं का प्रशिक्षण दिया जाएगा। करीब 50 पुलिसकर्मियों को जर्मन और स्पेनिश भाषाओं में ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे विदेशी आगंतुकों से आसानी से संवाद कर सकें और उनकी मदद कर सकें।
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