
प्रयागराज। गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम तट पर आगामी 13 जनवरी से लगने वाले महाकुम्भ 2025 के लिए प्रयागराज में जबरदस्त तैयारियां चल रही हैं। इस बार आयोजन को पहले से अधिक सुविधाजनक और सुरक्षित बनाने के लिए कई हाई-लेवल के इंतजाम किए गए हैं। आइए जानते हैं महाकुंभ 2025 की 10 शानदार व्यवस्थाएं, जिन्हें हर तीर्थयात्री को जानना जरूरी है।
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए 550 नई शटल बसें तैयार की गई हैं, जो शहर की सीमा से पहले सेवा देंगी। इनके लिए 112 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं, जहां पर 07 लाख वाहनों के लिए जगह उपलब्ध होगी।
गंगा से लेकर संगम तक कुल 30 स्नान घाट बनाए गए हैं। इन घाटों पर सुरक्षा के मद्देनजर कुल 12 किलोमीटर तक बैरिकेटिंग करने की तैयारी है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 37 हजार पुलिसकर्मी, 50 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी और 14 हजार होमगार्ड तैनात किए गए हैं। संगम नोज पर उत्तराखंड पुलिस और पीएसी स्नानार्थियों की सुरक्षा का जिम्मा संभालेगी।
पूरे महाकुम्भ मेले को 10 जोन, 25 सेक्टर, 56 थाने व 155 चौकियों में विभाजित किया गया है। महाकुंभ मेला क्षेत्र में कुल 2750 AI बेस्ड CCTV और 80 VMD टीवी स्क्रीन लगाई जाएंगी। इनका एक कंट्रोल रूम होगा। जहां पुलिस प्रशासन के अफसरों की पूरी टीम महाकुंभ मेला क्षेत्र के चप्पे-चप्पे की निगरानी करेंगे।
श्रद्धालुओं के लिए 1.5 लाख टॉयलेट्स और 26 हजार स्वच्छता कर्मी मौजूद रहेंगे। महाकुंभ मेला क्षेत्र में पहली बार वाटर ड्रोन कैमरे, फ्लोटिंग जेटी, और रेस्क्यू स्कूटर का इस्तेमाल किया जाएगा।
10 आकस्मिक अस्पतालों के साथ 100 बेड का केंद्रीय अस्पताल भी तैयार किया गया है। आपदा प्रबंधन के लिए एसडीआरएफ, बाढ़ राहत पीएसी और एनडीआरएफ की टीम भी तैनात होगी। 25 हजार बेड की क्षमता वाले 100 सार्वजनिक आश्रय स्थलों की व्यवस्था की गई है।
पहली बार वाटर ड्रोन कैमरे का होगा प्रयोग, फ्लोटिंग जेटी और रेस्क्यू स्कूटर से लैस रहेंगी सभी टीम। जर्मनी के आल टेरेन वाहन पलभर में ही आग बुझा देंगे। SDRF, बाढ़ राहत PAC और NDRF की टीम भी स्नानार्थियों को सहूलियत के लिए एलट रहेगी।
महाकुम्भ के मुख्य स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की जाएगी। 40 हजार से ज्यादा रिचार्जेबल लाइट्स से पूरा मेला रोशन होगा। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की समस्या को समझने और हल करने के लिए एक विशेष भाषाई अनुवाद एप का भी उपयोग किया जाएगा। महाकुम्भ 2025 का यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए एक यादगार अनुभव बनने जा रहा है।
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