
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार की पहल मिशन शक्ति महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को नई दिशा दे रही है। यह अब सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि महिलाओं के आत्मविश्वास और साहस का प्रतीक बन चुका है। जहां पहले महिलाएं घर से अकेले निकलने में असुरक्षित महसूस करती थीं, वहीं आज यूपी महिला सुरक्षा की एक नई पहचान बना चुका है।
मिशन शक्ति का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और आत्मरक्षा के लिए सक्षम करना है। प्रदेश में अब तक 5 लाख से अधिक महिलाओं को विशेष आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे वे किसी भी कठिन परिस्थिति में स्वयं की सुरक्षा कर सकें। हर जिले में फर्स्ट रिस्पॉन्डर नेटवर्क और मिशन शक्ति कमांडो टीमें तैनात हैं, जो आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई करती हैं।
शहरों की सड़कों, बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में पिंक बूथ और एंटी रोमियो स्क्वाड ने बड़ी भूमिका निभाई है। छेड़छाड़ और उत्पीड़न के मामलों में 60 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव का संकेत है। महिलाओं के लिए घर, कार्यस्थल, स्कूल और सार्वजनिक परिवहन सभी जगह वातावरण अब अधिक सुरक्षित हुआ है।
मिशन शक्ति के तहत घरेलू हिंसा और यौन अपराध जैसे मामलों पर तेज और सख्त कार्रवाई की जा रही है। शिकायत दर्ज कराने से लेकर पीड़िता को सहायता देने तक पूरी प्रक्रिया को संवेदनशील और पारदर्शी बनाया गया है।इससे महिलाओं में यह विश्वास बढ़ा है कि सुरक्षा उनका अधिकार है।
इस पहल ने महिलाओं में यह भरोसा मजबूत किया है कि वे अपनी सुरक्षा खुद सुनिश्चित कर सकती हैं। महिलाएं अब अधिक आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही हैं और मिशन शक्ति एक बड़े सामाजिक बदलाव का अभियान बन चुका है, जो अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा है।
ठोस कदम और संरचनात्मक सुधार
सार्वजनिक स्थानों पर बढ़ी सुरक्षा
फर्स्ट रिस्पॉन्डर नेटवर्क
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।