अनोखा रिकॉर्ड: 12 घंटे में नया पुल बनाकर रचा इतिहास, तुरंत दौड़नी शुरु हो गईं ट्रेनें, जानिए कैसे किया काम?

मुरादाबाद रेलवे ने 12 घंटे के अंदर एक नया पुल बनाकर अनोखा रिकार्ड बनाया है। मुरादाबाद-बरेली रेलवे लाइन पर यह कीर्तिमान रचा गया। पुराने पुल को 12 घंटे में एक नए पुल के साथ बदल दिया गया। कई वर्षों से पुल के निर्माण का काम लटका हुआ था।

मुरादाबाद। मुरादाबाद रेलवे ने 12 घंटे के अंदर एक नया पुल बनाकर अनोखा रिकार्ड बनाया है। मुरादाबाद-बरेली रेलवे लाइन पर यह कीर्तिमान रचा गया। पुराने पुल को 12 घंटे में एक नए पुल के साथ बदल दिया गया। कई वर्षों से पुल के निर्माण का काम लटका हुआ था। इस वजह से पुल पर ट्रेनों की स्पीड कम हो जाती थी। पर अब ऐसा नहीं होगा।

ADRM राकेश सिंह ने दी यह जानकारी

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उत्तर रेलवे मुरादाबाद रेल मंडल के ऑपरेशन ADRM राकेश सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 21 मई को 12 घंटे के एक मेगा ब्लॉक में यह काम किया गया। ब्रिज नंबर 1135 के साथ नया पुल और बैलास्टेड ट्रैक बनकर तैयार हुआ। यह काम कई वर्षो से लंबित था। इसकी वजह से ट्रेनें धीमी गति से ट्रैक पर चलती थीं। नया पुल बन जाने के बाद अब यात्री और माल गाड़ियां अपनी पूरी गति से चल सकेंगी।

 

 

जर्जर हो गया था 100 साल पुराना पुल

हम यहां पर मुरादाबाद-बरेली रेलखंड पर दलपतपुर स्थित बरसाती नदी के पुल की बात कर रहे हैं। यह पुल सौ साल से ज्यादा पुराना होने के कारण जर्जर हो गया था। इस वजह से पुल पर ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो गया था। साल 2019 से ही ट्रेनों को धीमी गति से चलाया जा रहा था। जब पिछले दिनों पुल के नीचे पानी का बहाव कम हुआ तो कम दूरी का पुल बनाने का निर्णय लिया गया।

रेलवे ने 6 बजे ही शुरु कर दिया था काम

रेलवे ने रविवार सुबह 6 बजे ही अपना काम शुरु कर दिया और रात में ट्रेनों का संचालन भी शुरु हो गया। बताया जा रहा है कि बीती रात से ही इसकी तैयारियां शुरु कर दी गई थीं। हालांकि इस दौरान कई ट्रेनों का संचालन बंद रहा। अब नया पुल छोटा हो गया है और उसकी मरम्मत के बाद अब इस पुल पर ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ेगी।

इस तरह हुआ काम

पहले बिजली के तारों को हटाकर पटरी के किनारे बिछी संचार और सिग्नल लाइन को सेफ किया गया। फिर पिलर पर रखे गर्डर को खोला गया और क्रेन की मदद से हटाया गया। इधर, गर्डर के बीयरिंग की मरम्मत शुरु हो गई और उधर, क्रेन व बुलडोजर का उपयोग कर खंभों के बीच सीमेंट के ब्लाक रखे गए और वहां मिट्टी भर दी गई। फिर ऊपर से गिट्टी डालकर समतल किया गया। इस तरह बचे पिलर्स पर भी गर्डर रखे गए।

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