
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत आदिवासियों, दैवीय आपदा पीड़ितों, दिव्यांगजनों और समाज के सबसे वंचित वर्गों को रिकॉर्ड 3.72 लाख पक्के मकान आवंटित किए गए हैं। यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि योगी सरकार की प्राथमिकता विकास का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है।
मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण की शुरुआत फरवरी 2018 में की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले ऐसे परिवारों को पक्का और सुरक्षित घर देना है, जिनके पास रहने के लिए अपना आवास नहीं था या जो अत्यंत जरूरतमंद थे। योगी सरकार ने इस योजना को केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि गरीबों को सम्मान और सुरक्षा देने का माध्यम बनाया है।
योगी सरकार ने आवास आवंटन में साफ तौर पर जरूरतमंदों को प्राथमिकता दी है। योजना के तहत
इन आंकड़ों से साफ है कि सरकार की नीतियां उन लोगों तक पहुंची हैं, जो लंबे समय तक योजनाओं से वंचित रहे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कई ऐसे समुदायों को पहली बार बड़े पैमाने पर पक्का आवास मिला है, जिन्हें पहले कभी योजनाओं का वास्तविक लाभ नहीं मिल पाया था। इनमें वनटांगिया, मुसहर, थारू, कोल, सहरिया, चेरो, बैगा, नट और बंजारा जैसे अति पिछड़े और वंचित समुदाय शामिल हैं। ये वे वर्ग हैं, जो पहले केवल सरकारी आंकड़ों तक सीमित थे, लेकिन अब योगी सरकार के विजन के तहत इन्हें उनका वास्तविक हक मिला है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने यह सिद्ध किया है कि जब नीति में संवेदना और निर्णय में दृढ़ता होती है, तो समाज के सबसे कमजोर वर्गों का जीवन भी बदला जा सकता है। मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण इसका सशक्त उदाहरण है।
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