यूपी के एटा में झूठी शान के लिए पति-पत्नी की हत्या का मामला सामने आया है। आसपास के लोगों ने इस वारदात के पीछे मायके पक्ष को जिम्मेदार बताया है। स्थानीय थाना पुलिस मामले की पड़ताल में लगी है।
एटा: कोतवाली देहात के गांव श्रीकरा में झूठी शान के लिए बेटी-दामाद की हत्या किए जाने का मामला सामने आया है। बेटी का प्रेम विवाह 4 सालों से मायके पक्ष की आंखों में खटक रहा था और इसी के चलते उन्होंने इस रिश्ते को मिटाने की साजिश रच डाली। पति-पत्नी की हत्या के बाद भी जब वह संतुष्ट नहीं हुए तो मासूम को भी मारने की कोशिश की। वह उसे मरा समझकर ही वहां से चले गए। भले ही इस हत्याकांड को किसी ने अपनी आंखों से नहीं देखा है कि लेकिन घटनास्थल निर्ममता से की गई हत्या की पूरी घटना को चीख-चीखकर बयां कर रहा है।
प्रेम विवाह के बाद खेत में बने मकान में रह रहा था जितेंद्र
आरोपियों ने हत्या के लिए मांस काटने वाले छुरों को इस्तेमाल किया। आसपास के लोगों को भी नहीं पता चला कि इस हत्याकांड को कब अंजाम दिया गया क्योकि सभी ने सुबह 6 से 7 बजे के बीच जितेंद्र को बैल्डिंग का काम करते देखा था। मृतक के चाचा देव कुमार ने बताया कि जितेंद्र अक्सर आधा शटर गिराकर काम करता था और इसलिए की किसी को शक नहीं हुआ। वह भी काम से खेत चले गए। जितेंद्र बीते कुछ सालों से प्रेम विवाह के बाद खेत में ही मकान बनाकर रहता था। जो की अमांपुर सड़क के किनारे है।
मासूम को मरा समझकर छोड़ गए हत्यारे
उनके द्वारा जानकारी दी गई कि जितेंद्र की पत्नी प्रीति के घरवाले इतने नाराज थे कि वह रोज सामने से होकर ही गुजरते थे लेकिन कभी भी वह घर नहीं आए। दो साल पहले जब घर आए भी तो पूरे परिवार की पिटाई की। इसके बाद से उनसे कोई संबंध नहीं था। घटना वाले दिन जितेंद्र के भाई पंकज ने जब दुकान का शटर उठाया तो अंदर पति-पत्नी के शव पड़े थे। सीढ़ियों पर बच्चा भी अचेत पड़ा हुआ था, हालांकि इसी बीच वह तेजी से रोने लगा। घटना को लेकर सभी मायके पक्ष को ही दोषी ठहरा रहे हैं। लोगों ने बताया कि प्रीति और जितेंद्र की प्रेम कहानी काफी चर्चित थी। प्रीति के भागने के बाद तमाम पंचायते हुईं लेकिन दोनों ने एक साथ रहने का ही निर्णय कायम रखा।