परिवार के लिए कलंक का कारण बना मुर्तजा कभी था माता-पिता की शान, दादा थे जिला जज

गोरखनाथ मंदिर में पुलिसकर्मियों पर हमले के आरोपी मुर्तजा को फांसी की सजा सुनाई गई है। मुर्तजा कभी परिवारवालों की शान हुआ करता था। हालांकि आज कोई उसे अपना रिश्तेदार बताने से भी परहेज कर रहा है।

गोरखपुर: मुर्तजा के नाम पर घरवाले और रिश्तेदार कभी गर्व किया करते थे। हालांकि अब वह सभी के लिए बदनामी का सबब बन गया है। परिवार के लोग ही नहीं रिश्तेदार भी अब उससे कोई वास्ता नहीं रखना चाहते। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद उसकी दुनिया ही बदल गई थी। वह सभी की चिंता छोड़कर सिर्फ अपने में ही जीने लगा था।

मुर्तजा के जन्म के बाद मुंबई चला गया था परिवार

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गौरतलब है कि गोरखनाथ मंदिर में सुरक्षाकर्मियों पर हमले के आरोपी मुर्तजा को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। उसे आतंकी करार दिया गया है। यही मुर्तजा कभी परिवार की शान हुआ करता था। वह पढ़ाई में हमेशा से ही अव्वल था। मुर्तजा के दादा जिला जज थे और पिता अधिवक्ता हैं। मुर्तजा के जन्म के बाद ही पिता मुनीर अहमद और मां गोरखपुर से मुंबई शिफ्ट हो गए। मुर्तजा ने अपनी पढ़ाई लिखाई मुंबई में ही की है। उसके आधार कार्ड पर भी नवी मुंबई का ही पता है। परिवार सानपाड़ा इलाके में रह रहा है। मुर्तजा के घरवालों ने बताया कि वह बचपन से ही काफी होनहार था लेकिन जल्द ही घबरा जाता था। वह फुटबॉल और टेनिस का अच्छा खिलाड़ी भी था। उसने हाईस्कूल और इंजीनियरिंग में टॉप किया था। यहां तक स्कूल के बोर्ड पर भी उसका नाम लिखा हुआ है।

एयरगन और छर्रा भी हुआ था बरामद

12वीं पास करने के बाद साल 2010 में उसने आईआईटी मुंबई में दाखिला लिया। उसने अपनी पढ़ाई केमिकल इंजीनियरिंग से पूरी की। साल 2015 में उसने इंजीनियरिंग पास करने के बाद दो निजी कंपनियों में बड़े पद पर काम भी किया। हालांकि कोरोनाकाल के दौरान ही नौकरी चली गई। इसके बाद ही परिवार गोरखपुर आ गया। मुर्तजा के पिता मुंबई और लखनऊ की कई कंपनियों में कानूनी सलाहकार हैं। गोरखपुर आने के बाद मुर्तजा एक एप को बनाने पर काम कर रहा था। हालांकि परिवारवालों को उसका यह काम पसंद नहीं आ रहा था। पुलिस के अनुसार मुर्तजा के कमरे से एयरगन और छर्रा भी बरामद हुए हैं। वह छत पर और खाली जगह पर निशानेबाजी भी सीख रहा था।

गोरखनाथ मंदिर में हमला करने के मामले में मुर्तजा दोषी करार, NIA कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

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