
मेरठ की चर्चित ‘कातिल मुस्कान’ केस ने अब एक परिवार की ज़िंदगी पूरी तरह बदल दी है। पति की हत्या के आरोप में जेल में बंद मुस्कान रस्तोगी की हरकतों ने उसके परिवार को समाज से अलग-थलग कर दिया है। अब उसके माता-पिता मेरठ छोड़ने की तैयारी में हैं।
मेरठ के ब्रह्मपुरी क्षेत्र में रहने वाले प्रमोद रस्तोगी, जो पेशे से ज्वेलर्स हैं, ने हाल ही में अपने घर पर “मकान बिकाऊ है” का पोस्टर चिपकाया। स्थानीय लोगों के मुताबिक, कुछ घंटे बाद ही पोस्टर हटा दिया गया। लेकिन इस कदम ने साफ कर दिया कि रस्तोगी परिवार अब सामाजिक दबाव और मानसिक तनाव की चरम सीमा पर पहुंच चुका है।
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घटना के बाद से रस्तोगी परिवार की आर्थिक स्थिति बुरी तरह बिगड़ गई है। प्रमोद रस्तोगी की ज्वेलरी की दुकान अब लगभग बंद पड़ी है। ग्राहक आना बंद कर चुके हैं। मुस्कान का भाई अपनी नौकरी से हाथ धो बैठा है, वहीं उसकी मां द्वारा चलाया जा रहा ट्यूशन सेंटर भी अब खाली पड़ा है, क्योंकि लोगों ने अपने बच्चों को वहां भेजना बंद कर दिया है।
पड़ोसियों के अनुसार, रिश्तेदारों ने अब रस्तोगी परिवार से दूरी बना ली है। किसी शादी-ब्याह या सामाजिक कार्यक्रम में उन्हें बुलावा नहीं दिया जा रहा। लोग न तो बात करने आ रहे हैं और न ही मिलने। धीरे-धीरे पूरा परिवार सामाजिक अलगाव का शिकार हो चुका है।
पड़ोसी संजय ने बताया, “प्रमोद जी दिवाली वाले दिन से ही परेशान हैं। कभी रोते, कभी चिल्लाते नजर आते हैं। कल सुबह भी बहुत बेचैन थे, तब एंबुलेंस बुलाकर उन्हें अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने घर बेचने का पोस्टर लगाया था, लेकिन बाद में खुद ही हटा लिया। लगता है, वे गहरे डिप्रेशन में हैं।”
जानकारी के मुताबिक, 3 मार्च 2025 की रात, 28 वर्षीय मुस्कान रस्तोगी ने अपने प्रेमी साहिल शुक्ला के साथ मिलकर पति सौरभ राजपूत की हत्या कर दी। दोनों ने शव को नीले ड्रम में बंद किया और बेफिक्री से हिमाचल घूमने निकल गए। 17 मार्च को लौटने के बाद जब उन्होंने शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की, तो 18 मार्च को पुलिस ने पूरे राज़ से पर्दा उठा दिया। फिलहाल दोनों आरोपी जेल में बंद हैं।
इस हत्याकांड के बाद से रस्तोगी परिवार पर आर्थिक, सामाजिक और मानसिक तीनों स्तरों पर तबाही आई है। जहां एक ओर बेटी जेल में है, वहीं दूसरी ओर पिता डिप्रेशन से लड़ रहे हैं और परिवार समाज से पूरी तरह कट चुका है।
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