मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वाराणसी में बाबा काल भैरव और श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन किए। उन्होंने प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की और मणिकर्णिका घाट स्थित सतुआ बाबा आश्रम में संतों से भेंट कर आशीर्वाद लिया।

वाराणसी, 06 नवंबर। काशी की सुबह आज एक बार फिर अध्यात्म और आस्था के रंग में रंगी नजर आई। घण्टों की गूंज, हर-हर महादेव के जयकारे और श्रद्धा से भरे जनसैलाब के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा विश्वनाथ और काल भैरव के दरबार में हाजिरी लगाई। सीएम का यह वाराणसी प्रवास न केवल आध्यात्मिक संदेश देता है, बल्कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को नई दिशा देने वाला भी माना जा रहा है।

काल भैरव मंदिर में विधिवत पूजन-अर्चन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार सुबह सबसे पहले शहर के कोतवाल माने जाने वाले बाबा काल भैरव मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने विधिवत पूजा-अर्चना की। काल भैरव को काशी का रक्षक माना जाता है। सीएम ने यहां प्रदेशवासियों की सुरक्षा और कल्याण की प्रार्थना की।

यह भी पढ़ें: वाराणसी में देव दीपावली का अद्भुत नजारा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जलाया पहला दीप

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में षोडशोपचार विधि से पूजन

काल भैरव मंदिर से निकलने के बाद मुख्यमंत्री सीधे श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने षोडशोपचार विधि से भगवान विश्वनाथ का पूजन-अर्चन किया। इस दौरान उन्होंने देश और प्रदेश की सुख-समृद्धि, शांति और कल्याण की कामना की। पूजा के समय मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी रही और ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों से वातावरण गूंज उठा। मुख्यमंत्री ने गर्भगृह में विशेष पूजा की और बाबा विश्वनाथ के चरणों में माथा टेका।

सतुआ बाबा आश्रम में संतों से भेंट और आशीर्वाद प्राप्त किया

विश्वनाथ दर्शन के बाद मुख्यमंत्री मणिकर्णिका घाट स्थित सतुआ बाबा आश्रम पहुंचे। यहां उन्होंने आश्रम परिसर में बने शिव मंदिर में दर्शन किए और सतुआ बाबा के शिष्य महंत संतोष दास जी महाराज से भेंट की। सीएम योगी ने संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया और वाराणसी सहित पूरे प्रदेश में शांति, सुख और समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल, विधायक सौरभ श्रीवास्तव और सुशील सिंह भी मौजूद रहे।

देव दीपावली महोत्सव में शामिल होकर किया शुभारंभ

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बुधवार की शाम वाराणसी पहुंचे थे। उन्होंने नमो घाट पर दीप प्रज्ज्वलित कर देव दीपावली महोत्सव का शुभारंभ किया था। इसके बाद उन्होंने क्रूज से गंगा तटों पर दीपों की झिलमिलाहट का अद्भुत नजारा देखा।मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी आज केवल एक शहर नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और अध्यात्म का जीवंत प्रतीक बन चुकी है।

यह भी पढ़ें: खुलासा! 100 करोड़ी DSP ऋषिकांत शुक्ला ने बेटे की शादी में बुक किया था 200 करोड़ का रिसॉर्ट