
लखनऊ। राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देश भर में उत्साह का माहौल देखा जा रहा है। राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होना तय हुआ है। इसके सभी विशिष्टजनों को निमंत्रण भेजा जा रहा है लेकिन यहां पर भी राजनीतिक विरोध देखने को मिल रहा है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राम मंदिर में शामिल होने का निमंत्रण ठुकरा दिया है। इसपर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने अखिललेश यादव पर निशाना साधा है।
सोशल मीडिया पर अखिलेश को लताड़ा
राम मंदिर उद्घाटन के कार्यक्रम के लिए दिए गए आमंत्रण को अखिलेश यादव ने ठुकराते हुए उसमें शामिल न होने के बात कही है। नंदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हए लिखा है कि समाजवादी पार्टी और उनके नेताओं ने हमेशा ही हिन्दू समाज का विरोध करने के साथ ही तुष्टीकरण की राजनीति की है। राम मंदिर उद्घाटन के कार्यक्रम को न कहना बेहद शर्मनाक है।
विरासत में मिला सनातन विरोध का डीएनए
मंत्री नंदी ने अखिलेश यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि सपा अध्यक्ष को अपने पूर्वजों से विरासत में कुर्सी मिली है। सनातान धर्म का विरोध करने का डीएनए भी उनको विरासत में मिला है। इनका दामन पर तो वैसे भी रामभक्तों के खून की छींटे हैं। धर्म के नाम पर लोगों को बरगलाने और दंगे करवाने में ही इन लोगों ने महारथ हासिल कर रखी है। अखिलेश यादव ने हमेशा वोट की राजनीति की है और प्रभु राम को लेकर उनकी प्रतिक्रिया भी दिल को दुखाने वाली है। राम मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम में भी उनको राजनीति नजर आती है।
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