नए संसद भवन के उद्धाटन से पहले सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दल समाजवादी पार्टी और लोकदल पहले ही समारोह के बहिष्कार का ऐलान कर चुके हैं। इस बीच बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने नया दांव चल दिया है।
लखनऊ: नए संसद भवन के उद्धाटन से पहले सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक दल समाजवादी पार्टी और लोकदल पहले ही समारोह के बहिष्कार का ऐलान कर चुके हैं। इस बीच बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने नया दांव चल दिया है। वह पीएम नरेंद्र मोदी से संसद भवन के उद्घाटन के पक्ष में खड़ी दिख रही हैं। खुद ट्वीट कर उन्होंने सियासी खेमों में बुधवार से लगाई जा रही अटकलों पर विराम लगा दिया है।
नये संसद भवन के उद्घाटन का स्वागत
बसपा अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा है कि पूर्व में केन्द्र में चाहे कांग्रेस की सरकार रही हो या अब बीजेपी की। बीएसपी ने हमेशा देश व जनहित के मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर समर्थन किया है। पार्टी नये संसद भवन का 28 मई को होने वाले उद्घाटन को भी इसी संदर्भ में देखती है और इसका स्वागत करती है।
विपक्षी दलों पर भी मायावती ने कसा तंज
उन्होंने आगे कहा है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नए संसद का उद्घाटन नहीं कराए जाने को लेकर बहिष्कार अनुचित है। सरकार ने नया संसद भवन बनाया है। इसलिए सरकार को इसे उद्घाटन का हक है। इस मामले को आदिवासी महिला सम्मान से जोड़ना भी अनुचित है। दलों को यह उन्हें निर्विरोध न चुनकर, उनके विरुद्ध उम्मीदवार खड़ा करते समय सोचना चाहिए था।
नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में नहीं होंगी शामिल
मायावती ने कहा कि देश को समर्पित होने वाले कार्यक्रम अर्थात नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण मुझे प्राप्त हुआ है। उन्होंने उसके लिए आभार और शुभकामनाएं देते हुए समारोह में शामिल न होने की बात भी कही। उन्होंने इसकी वजह पार्टी की लगातार जारी समीक्षा बैठकों सम्बंधी अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता बताई है।