कोली और पंढेर की फांसी के खिलाफ सुनवाई टल गई है। 5 जुलाई तक सुनवाई को टाल दिया गया है। यह आदेश कोली के अधिवक्ता की अपील पर दिया गया है। हालांकि पंढेर के अधिवक्ता के द्वारा इसका विरोध किया गया था।
प्रयागराज: निठारी कांड में फांसी की सजा के खिलाफ सुरिंदर कोली और मनिंदर सिंह पंढेर की अपीलों पर सुनवाई को 5 जुलाई तक के लिए टाल दिया गया है। कोली के अधिवक्ता की अपील पर यह आदेश दिया गया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खंडपीठ के द्वारा यह आदेश दिया गया है।
हत्या के बाद नाले में फेंक दिए जाते थे टुकड़े
पंढेर के अधिवक्ता के द्वारा इस सुनवाई को टालने का विरोध किया गया लेकिन कोली के अधिवक्ता की मौजूदगी न होने के चलते सुनवाई नहीं हो सकी। वहीं इस बीच सीबीआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ज्ञान प्रकाश और संजय यादव के द्वारा अपना पक्ष भी रखा गया। सीबीआई के द्वारा दोनों ही आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। आरोप लगाया गया है कि कोली के द्वारा ही दर्जनों लड़कियों को पैसों का लालच देकर बुलाया जाता था। दुष्कर्म और हत्या के बाद उनकी लाश के टुकड़ों को नाले में फेंक दिया गया।
बताया गया कि पंढेर की कोठी में केयरटेकर कोली गंभीर अपराध करता था। कोली को एक केस में सुप्रीम कोर्ट से मिली फांसी पर अमल होने में देरी के चलते हाईकोर्ट ने आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया है। आपको बता दें कि 9 मामलों में सीबीआई कोर्ट के द्वारा फांसी की सजा सुनाई गई है। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील विचाराधीन है। वहीं पंढेर को 2 मामलों में फांसी और अन्य में आजीवन कारावास और अन्य की सजा के खिलाफ अपील विचाराधीन है।
मिले थे कई नर कंकाल
आपको बता दें कि नोएडा से लगातार बच्चों के गायब होने के बाद मई 2006 में निठारी स्थित कोठी नंबर डी-5 में नर कंकाल मिलने का मामला सामने आया था। नोएडा सेक्टर 21 की इस कोठी के पीछे 29 दिसबंर 2006 को कई बच्चियों के नर कंकाल मिले थे। जिसके बाद यह केस दुनिया के सामने आया था।
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