UP के इस शहर में पहली बार हाईटेक पज़ल पार्किंग सिस्टम-मिनटों में पार्क होगी कार

UP के नोएडा में पहली बार ऑटोमेटेड पज़ल पार्किंग सिस्टम स्थापित होने जा रहा है, जिससे पारंपरिक पार्किंग की तुलना में वाहनों को पार्क करने का समय कम होगा। यह आधुनिक प्रणाली पार्किंग को सरल और सुरक्षित बनाएगी।

Surya Prakash Tripathi | Published : Oct 9, 2024 9:13 AM IST / Updated: Oct 09 2024, 02:44 PM IST

नोएडा। नोएडा में पार्किंग की समस्या अब हल होने की ओर है, क्योंकि यहां ऑटोमेटेड पज़ल पार्किंग सिस्टम की स्थापना की जा रही है। पारंपरिक पार्किंग में जहाँ 15-20 मिनट का समय लग जाता था, वहीँ अब इस नई प्रणाली के माध्यम से पार्किंग में मात्र 5-6 मिनट लगेंगे। यह नोएडा में पहली बार होगा जब पज़ल पार्किंग सिस्टम का उपयोग किया जाएगा। इस परियोजना को नोएडा प्राधिकरण द्वारा लागू किया जा रहा है, और इसका पहला चरण सेक्टर 6 कार्यालय के बाहर से शुरू होगा। इस प्रणाली में पांच मंजिला संरचना होगी, जिसमें 50 वाहन खड़े किए जा सकेंगे। इसके साथ ही, वाणिज्यिक क्षेत्रों में भी दो और मल्टी-लेवल पार्किंग सुविधाओं की योजना बनाई जा रही है, जिनकी संयुक्त क्षमता 100 वाहनों की होगी।

पज़ल पार्किंग सिस्टम कैसे काम करता है?

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ऑटोमेटेड पज़ल पार्किंग सिस्टम में कारों को ऊपर-नीचे लाने के लिए एक खास नेटवर्क बनाया गया है, जिससे पार्किंग का समय काफी कम हो जाता है। टाइम्स ऑफ इंडिया के हवाले से बताया गया कि पारंपरिक पार्किंग की तुलना में इस सिस्टम से वाहनों को पार्क करने या निकालने में केवल 3 से 6 मिनट का समय लगेगा। पांच मंजिला प्रणाली की प्रत्येक मंजिल पर पाँच कारें खड़ी की जा सकती हैं, जिससे जगह का अधिकतम उपयोग हो सकेगा।

पज़ल पार्किंग सिस्टम के लिए चयनित स्थान

नोएडा में इस प्रणाली के लिए तीन प्रमुख स्थानों का चयन किया गया है:

1. सेक्टर 62 में फोर्टिस अस्पताल के पास

2. सेक्टर 6 में प्राधिकरण कार्यालय के बाहर

3. सेक्टर 18 में सावित्री मार्केट के पास

सेंसर-बेस्ड है ये सिस्टम

यह सिस्टम छोटे स्थानों पर भी बड़ी संख्या में वाहनों को समायोजित करने में सक्षम है और यह डिज़ाइन सुरक्षा में भी सुधार करेगा। सेंसर-बेस्ड इस सिस्टम में दुर्घटनाओं से बचने के लिए ऑटोमेटेड सुरक्षा उपाय लागू होंगे। अगर कोई वस्तु या जानवर पार्किंग क्षेत्र में प्रवेश करता है, तो सिस्टम तुरंत बंद हो जाएगा।

पज़ल पार्किंग सिस्टम की लागत और लाभ

प्रत्येक पार्किंग स्लॉट की निर्माण लागत लगभग 8 लाख रुपये आंकी गई है, और 50 स्लॉट वाली इस सुविधा की कुल लागत 4 करोड़ रुपये होगी। चूंकि यह प्रणाली पूरी तरह से स्वचालित है, इसके संचालन के लिए बहुत कम कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। नोएडा प्राधिकरण ने दिल्ली में इसी प्रकार की प्रणाली का संचालन कर रही एक कंपनी से पहले ही प्रस्ताव प्राप्त किया है, और इसे जल्द ही क्रियान्वित किया जाएगा।

वर्तमान में नोयडा में कितनी है मल्टी लेवल पार्किंग?

वर्तमान में शहर में 6 मल्टी-लेवल पार्किंग सुविधाएं हैं, जिनमें सबसे बड़ी सुविधा सेक्टर 38A में स्थित है। इसकी 7,000 वाहनों की क्षमता है और इसका निर्माण 580 करोड़ रुपये में हुआ था। सेक्टर 18 में दूसरी सबसे बड़ी पार्किंग सुविधा 3,000 वाहनों की क्षमता रखती है और इसे 243 करोड़ रुपये में तैयार किया गया था। अन्य पार्किंग सुविधाओं में सेक्टर 16A, सेक्टर 3, सेक्टर 1 और सेक्टर 5 शामिल हैं, जिनमें से प्रत्येक की लागत और क्षमता अलग-अलग हैं।

 

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