महाकुंभ की अग्निपरीक्षा: लाखों के बीच सुरक्षा की अनोखी कहानी

Published : Mar 05, 2025, 02:15 PM ISTUpdated : Mar 05, 2025, 02:16 PM IST
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सार

प्रयागराज महाकुंभ में 66 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालुओं के बीच, यूपी अग्निशमन विभाग ने 185 अग्नि दुर्घटनाओं पर काबू पाया, करोड़ों की धन-हानि रोकी और कई जानें बचाईं। 

05 मार्च – प्रयागराज।* प्रयागराज के संगम तट पर विश्व के सबसे बड़े मानवीय समागम, महाकुम्भ में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान किया। 4000 हेक्टेयर में बसे और 25 सेक्टर में बंटे महाकुम्भ नगर में लगभग प्रत्येक दिन एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम तट पर आ रहे थे। ऐसे में यूपी अग्मिशमन विभाग ने अपने अत्याधुनिक उपकरणों और मुस्तैदी से महाकुम्भ जैसे महाआयोजन में बिना किसी जन हानि के अग्नि दुर्घटनाओं पर काबू पाया। साथ ही लगभग 16.5 करोड़ रूपये से अधिक की धन हानि को भी बचाया। महाकुम्भ में लगभग 24 बड़ी अग्नि दुर्घटनाओं के साथ 185 अग्नि दुर्घटनाओं पर काबू पाया गया। जिसने सीएम योगी की सुरक्षित महाकुम्भ की परिकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

*महाकुम्भ में 24 गंभीर और कुल 185 अग्नि दुर्घटनाओं पर पाया गया नियंत्रण*

 महाकुम्भ 2025 को सुरक्षित महाकुम्भ बनाने में यूपी अग्नि शमन विभाग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यूपी अग्नि शमन विभाग ने महाकुम्भ के 45 दिनों के दिव्य, भव्य आयोजन में 185 अग्नि दुर्घटनाओं पर बिना किसी जन हानि के काबू पाया। यूपी अग्नि शमन विभाग के सीएफओ प्रमोद शर्मा ने बताया कि 185 में से 24 अग्नि दुर्धटनाएं गंभीर स्थिति की थी, जिनमें काबू पाने में कुछ टेंट और तम्बू जल गये लेकिन किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई। जबकि 86 के करीब छिटपुट अग्निजनित दुर्घटनाएं भी हुईं जिन पर आसानी से काबू पा लिया गया। उन्होंने बताया कि महाकुम्भ के दौरान सबसे बड़ी अग्नि दुर्घटना 19 जनवरी को मेले के सेक्टर-19 में सिलेंडर के फटने से हुई थी, लेकिन उसमें भी विभाग ने पूरी मुस्तैदी से सभी श्रद्धालुओं और कल्पवासियों को रेस्क्यू करते हुए कम से कम समय में काबू पा लिया था। महाकुम्भ के दौरान लगभग 16.5 करोड़ रुपये की धन हानि को प्रत्यक्ष तौर पर बचाया गया। इसके साथ ही 8 पशुओं को भी आग की चपेट में आने से सफलतापूर्वक बचाया गया।

*यूपी अग्नि शमन विभाग ने अत्याधुनिक उपकरणों और क्विक रिसपांस का किया उपयोग*

 सुरक्षित महाकुम्भ की परिकल्पना के अनुरूप मेला क्षेत्र के 25 सेक्टरों में 50 अग्निशमन केंद्र, 20 अग्निशमन चौकियां स्थापित की गई थीं। मेले के दौरान 2,200 प्रशिक्षित अग्नि कर्मी प्रत्येक सेक्टर में तैनात रहे। अग्नि शमन विभाग के सीएफओ प्रमोद शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ में 351 अग्निशमन वाहन सहित अत्याधुनिक अग्निशमन उपकरणों की भी व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही वीडियो और थर्मल इमेजिंग कैमरों से सुसज्जित 4 आर्टिकुलेटिंग वाटर टावर, क्विक रिस्पांस व्हीकल, ऑल-टेरेन व्हीकल (एटीवी), अग्निशमन रोबोट और फायर मिस्ट बाइक शामिल थीं। साथ ही हाउसबोट और पांटून पुलों पर आग बुझाने के लिए नदी के पानी का उपयोग करने में सक्षम अग्निशमन नावें भी उपयोग में लाई गईं। इसी का परिणाम था कि महाकुम्भ के इस विशाल आयोजन में हुई अग्नि दुर्घटनाओं के बाद भी बिना किसी जन हानि के रेस्क्यू करने में अग्नि शमन विभाग ने सफलता पाई।

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