
PM Awas Yojana Fraud Prayagraj: प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, जिसका मकसद गरीबों और बेघर परिवारों को छत देना है। लेकिन प्रयागराज (Prayagraj) से आया खुलासा इस योजना की पारदर्शिता और निगरानी पर सवाल खड़े कर रहा है। करीब 9000 लोगों ने फर्जीवाड़ा कर 1.20 लाख रुपये की पहली किश्त लेकर कुल 108 करोड़ रुपये हड़प लिए।
जांच में सामने आया कि जिन लाभार्थियों को पैसा मिला, उनमें से कई पहले से ही पक्के मकानों में रहते थे। कुछ तो दो मंजिला मकान के मालिक निकले। शंकरगढ़ ब्लॉक में 3,127 लोगों ने पहली किश्त मिलने के बाद एक भी ईंट तक नहीं रखी। सवाल ये उठता है कि जब घर पहले से मौजूद थे, तो फर्जी दस्तावेजों को पास करने वाले अधिकारियों की भूमिका क्या थी?
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जिला प्रशासन ने साफ किया कि मौजूदा नियमों में गलत तरीके से दी गई राशि वापस लेने का कोई ठोस प्रावधान नहीं है। यही वजह है कि कार्रवाई में कठिनाई आ रही है। इससे यह सवाल उठता है कि-
मुख्य विकास अधिकारी हर्षिका सिंह ने सभी मामलों की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों से राशि रिकवर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिन अधिकारियों ने फर्जी आवेदन पास किए, उनकी भी जवाबदेही तय की जा रही है। PM Awas Yojana Scam और Pension Fraud ने एक बार फिर ये साबित कर दिया है कि अगर निगरानी कमजोर हो, तो कल्याणकारी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं। गरीबों के हक का पैसा फर्जी लाभार्थियों तक कैसे पहुंचा, यह सवाल अब भी गहराई से जांच की मांग करता है।
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