लखनऊ में UPSIFS द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सेमिनार में देश-विदेश के विशेषज्ञ शामिल हुए। सीएम योगी के "लॉ विद लैब्स" विजन की सराहना की गई। कार्यक्रम ने छात्रों को फॉरेंसिक साइंस, AI और आधुनिक तकनीकों पर उपयोगी जानकारी दी।
लखनऊ, 20 अगस्त। उत्तर प्रदेश को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने और नई तकनीकों से जोड़ने का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विजन विशेषज्ञों को भी पसंद आ रहा है। लखनऊ में सीएम योगी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेस (UPSIFS) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय सेमिनार की सफलता पर एक्सपर्ट्स ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि "लॉ विद लैब्स" का विचार धरातल पर उतारने के लिए सीएम योगी बधाई के पात्र हैं। इस सेमिनार से फॉरेंसिक साइंस को लेकर जागरूकता बढ़ी है, जिसका सबसे अधिक फायदा इस क्षेत्र में करियर बनाने वाले छात्रों को होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि छात्रों को न केवल जमीन पर हो रहे बदलावों की जानकारी मिली, बल्कि वैश्विक स्तर पर हो रहे विकास, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य आधुनिक तकनीकों के बारे में भी उपयोगी जानकारी मिली। यह जानकारी छात्रों के लिए प्रेरणादायी और मार्गदर्शक साबित होगी।
कार्यक्रम में देश-विदेश के कई प्रसिद्ध विशेषज्ञ शामिल हुए। उनके सुझाव उत्तर प्रदेश की पुलिस व्यवस्था के आधुनिकीकरण में भी मदद करेंगे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिस तरह UPSIFS को आधुनिक सुविधाओं से तैयार किया जा रहा है, वह भविष्य में सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरे दक्षिण एशिया के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
फॉरेंसिक साइंस के प्रति बढ़ी जागरूकता
केजीएमयू के फॉरेंसिक मेडिसिन और टॉक्सिकॉलॉजी विभाग की एडिशनल प्रोफेसर डॉ. शिवली ने कहा कि तीन दिवसीय सेमिनार कई मायनों में खास रहा। फॉरेंसिक साइंस ऐसा क्षेत्र है जिसमें अभी भी जागरूकता की कमी है। यह कार्यक्रम न सिर्फ छात्रों के लिए लाभकारी है बल्कि पुलिस विभाग को भी नई चुनौतियों और परिस्थितियों को समझने में मदद करेगा। इससे आम जनता को भी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि UPSIFS को आधुनिक संसाधनों से लैस करना सीएम योगी की प्रतिबद्धता को दिखाता है।
समस्याओं के समाधान और बेहतर प्रबंधन की दिशा
विशेषज्ञों ने माना कि सीएम योगी समय की जरूरत को ध्यान में रखकर प्रदेश की विभिन्न प्रणालियों का आधुनिकीकरण कर रहे हैं। UP State Institute of Forensic Sciences देश और दक्षिण एशिया के उन चुनिंदा संस्थानों में शामिल है जहां आधुनिक सुविधाएं मिलती हैं। इस सेमिनार में भविष्य में आने वाली चुनौतियों के समाधान और प्रबंधन की स्ट्रैटेजी बनाई गयीं, जिससे उत्तर प्रदेश के साथ दूसरे राज्यों को भी लाभ मिलेगा। न्यायपालिका, फॉरेंसिक, साइबर सिक्योरिटी और इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों की चर्चाओं ने एआई और डीएनए फॉरेंसिक्स जैसी आधुनिक तकनीकों की वर्तमान स्थिति को उजागर किया।
समय की मांग के अनुसार प्रयास
एनआईपीईआर, रायबरेली के फैकल्टी डॉ. निहार रंजन ने कहा कि यह सेमिनार फॉरेंसिक साइंस में करियर बनाने वाले छात्रों के लिए बहुत उपयोगी साबित हुआ। इसने समय की मांग के अनुसार फॉरेंसिक के अलग-अलग पहलुओं पर जानकारी दी। बायोटॉक्स सॉल्यूशंस के निदेशक डॉ. शिव पूजन ने कहा कि CM योगी के नेतृत्व में UPSIFS तेजी से प्रगति कर रहा है। यहां विद्यार्थी प्रैक्टिकल तरीके से फॉरेंसिक की विभिन्न विधाओं को सीख रहे हैं, जो इसे आगे और मजबूत बनाएगा।
