
डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को ओडिशा के झारसुगुड़ा से देश का पहला पूर्णतः स्वदेशी 4जी नेटवर्क राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह केवल एक तकनीकी लॉन्च नहीं, बल्कि भारत की स्वदेशी क्षमताओं और डिजिटल संकल्प को नई पहचान देने वाला पल होगा। इस आयोजन का सीधा प्रसारण लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान (आईजीपी) में भी किया जाएगा, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे।
इस क्रांतिकारी पहल से उत्तर प्रदेश को बड़ा लाभ मिलेगा। प्रदेश के 240 गांवों के 24 हजार से ज्यादा लोग पहली बार हाई-स्पीड 4जी सेवाओं का उपयोग कर सकेंगे।
बीएसएनएल के मुताबिक, प्रदेश में अब तक 6659 साइट्स पर 4जी सेवाएं स्थापित हो चुकी हैं। इनमें से 141 साइट्स डिजिटल भारत निधि (डीबीएन) के जरिए तैयार हुई हैं, जिसके लिए योगी सरकार ने ग्राम सभा की जमीन निशुल्क उपलब्ध कराई।
सी-डॉट, तेजस और टीसीएस ने मिलकर मात्र 22 महीनों में पूर्णतः स्वदेशी 4जी तकनीक विकसित की है। इसे सॉफ्टवेयर के जरिए आसानी से 5जी में अपग्रेड किया जा सकेगा। इस पहल से यूपी समेत देशभर के 26700 असम्पर्कित गांवों में कनेक्टिविटी पहुंचेगी और 20 लाख से अधिक नए उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। भारत अब दुनिया का पांचवां ऐसा देश बन चुका है, जिसने पूरी तरह स्वदेशी 4जी टेलीकॉम स्टैक विकसित और लागू किया है।
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लंबे समय से संघर्षरत बीएसएनएल ने हाल में शानदार वापसी की है।
यह स्वदेशी 4जी नेटवर्क न केवल ग्रामीण और सीमावर्ती इलाकों तक डिजिटल सेवाएं पहुंचाएगा बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा को भी मजबूत करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह पहल न सिर्फ आत्मनिर्भर भारत की दिशा में मील का पत्थर है, बल्कि प्रदेश के दूरस्थ इलाकों में विकास की नई राह भी खोलेगी।
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