69 हजार शिक्षक भर्ती : 3 माह में जारी होगी लिस्ट, जानिए क्या बोले अखिलेश यादव

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए पूरी लिस्ट रद्द कर दी है और तीन महीने के अंदर नई लिस्ट जारी करने का आदेश दिया है। 

प्रयागराज. उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में इलाहबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। जिसमें कोर्ट ने पूरी लिस्ट को रद्द कर दिया है। इसी के साथ तीन महीने के अंदर नई लिस्ट जारी करने के आदेश दे दिए हैं। इससे यूपी सरकार को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट के इस फैसले पर अब राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं आना शुरू हो गई है। जानिए इस विषय पर कौन क्या कह रहा है।

अखिलेश यादव ने किया फैसले का स्वागत

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समाजवादी पार्टी सुप्रीमों अखिलेश यादव ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि ये अभ्यर्थियों की संयुक्त शक्ति की जीत है। सभी को इस संघर्ष में मिली जीत की बधाई और नव नियुक्तियों की शुभकामनाएं।

 

 

डिप्टी सीएम ने किया फैसले का स्वागत

इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस फैसल पर सूबे के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट का फ़ैसला सामाजिक न्याय की दिशा में स्वागत योग्य कदम है। यह उन पिछड़ा व दलित वर्ग के पात्रों की जीत है जिन्होंने अपने अधिकार के लिए लंबा संघर्ष किया। उनका मैं तहेदिल से स्वागत करता हूं।

 

 

अखिलेश सरकार में हुई थी 1.72 लाख भर्ती

जानकारी के अनुसार यूपी में अखिलेश यादव की सरकार में 1.72 लाख शिक्षा मित्र को सहायक शिक्षक के रूप में समायोजित किया था। इस समायोजन को हाईकोर्ट ने रद्द कर नए सिरे से भर्ती का आदेश दिया था। यूपी सरकार ने 68 हजार 500 पदों पर सहायक शिक्षकों की भर्ती भी की। लेकिन वह सवालों के घेरे में आ गई। क्योंकि अभ्यार्थियों ने पूरी भर्ती पर सवाल उठाते हुए 19 हजार पदों पर आरक्षण घोटाले का आरोप लगाया था।

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2019 में हुई थी परीक्षा

यूपी सरकार ने 59 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए दिसंबर 2018 में विज्ञापन निकाला था। जिसके तहत जनवरी 2019 में परीक्षा करवा ली थी। इस भर्ती में 4 लाख 10 हजार कैंडिडेट्स ने भाग लिया था। इस भर्ती में 1.40 लाख अभ्यर्थी फेल हुए थे। ​फिर सरकार द्वारा जो मेरिट लिस्ट जारी की थी। उसके सामने आते ही बवाल मच गया था। क्योंकि जिन्हें यकीन था कि उनका सेलेक्शन हो जाएगा। उनका नाम ही नहीं था। तभी से ये मामला हाईकोर्ट में चल रहा था। जिसमें अब पुरानी लिस्ट को रद्द कर दिया गया है। कोर्ट का आदेश आते ही पूरे प्रदेश में हलचल मच गई है। एक बार फिर से शिक्षक भर्ती पर सवाल उठने लगे हैं। लोगों का यही कहना है कि अब देखते हैं। नई मेरिट लिस्ट किस आधार पर आती है।

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