Published : Aug 02, 2025, 05:15 PM ISTUpdated : Aug 02, 2025, 05:16 PM IST
Ganga Yamuna Flood 2025 : उत्तर प्रदेश में गंगा और यमुना नदियों ने खतरे का निशान पार कर लिया है। बाढ़ से हजारों लोग प्रभावित हैं, सैकड़ों घर जलमग्न हो गए हैं। राहत शिविरों में लोगों की भीड़ बढ़ी, एनडीआरएफ और नावों से बचाव कार्य जारी है।
गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। दो दर्जन से ज्यादा मोहल्लों में पानी भर गया है। हजारों घर जलमग्न हो चुके हैं। लोग अपना घर छोड़ सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। सड़कों पर नावें चल रही हैं।
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रात में सब ठीक था... सुबह सब बदल गया
बेली गांव में रहने वाले लोगों के अनुसार रात तक सब सामान्य था, लेकिन सुबह होते-होते घर में कमर तक पानी भर गया। कई परिवारों ने छत पर तिरपाल लगाकर जरूरी सामान बचाया और फिर राहत शिविरों का रुख किया। बाढ़ ने सब कुछ अचानक बदल दिया।
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स्कूल बना सहारा, इंटर कॉलेज बना राहत शिविर
स्टैनली रोड स्थित मेहबूब अली इंटर कॉलेज को राहत शिविर में बदला गया है। शुक्रवार को यहां स्कूल चल रहा था, लेकिन दोपहर तक 100 से अधिक बाढ़ पीड़ित पहुंच चुके थे। अब यही स्कूल दर्जनों परिवारों की अस्थायी शरणस्थली बन चुका है।
जहां चंबल नदी में जलस्तर घटने से थोड़ी राहत मिली, वहीं टोंस नदी का बढ़ता पानी चिंता बढ़ा रहा है। टोंस का तेज बहाव निचले इलाकों को डुबो रहा है। छतनाग में जल निकासी बाधित होने से गंगा का पानी और फैलने की आशंका है।
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NDRF की टीम मैदान में, नावें बनीं जीवनरेखा
एनडीआरएफ, सीडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टीमें पूरी सक्रियता से राहत और बचाव कार्य में लगी हैं। अब तक 12 नावें लगाई गई हैं और 10 अतिरिक्त नावें तैयार रखी गई हैं। मोबाइल नंबर सार्वजनिक किए गए हैं ताकि बाढ़ में फंसे लोग तुरंत मदद मांग सकें।
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