
प्रयागराज। प्रयागराज महाकुंभ-2025 के दिव्य आयोजन के बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार माघ मेला–2026 को भी ऐतिहासिक स्वरूप देने की तैयारी में है। इसी प्रक्रिया के तहत माघ मेले की भावना, परंपरा और आध्यात्मिकता को दर्शाने वाला आधिकारिक लोगो जारी किया गया है। यह प्रतीक चिन्ह मुख्यमंत्री के स्तर से सार्वजनिक किया गया।
जारी किए गए लोगो में माघ मास के जप-तप, साधना और कल्पवास की महत्ता को विशेष स्थान दिया गया है। लोगो में शामिल प्रमुख तत्व-
लोगो पर अंकित श्लोक- 'माघे निमज्जनं यत्र पापं परिहरेत् तत:'। यह बताता है कि माघ मास में पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों का क्षय होता है।
यह लोगो मेला प्राधिकरण द्वारा नियुक्त डिजाइन कंसल्टेंट अजय सक्सेना और प्रागल्भ अजय ने तैयार किया है। लोगो सूर्य और चंद्रमा की उस स्थिति को भी दर्शाता है, जो माघ महीने को विशेष बनाती है। ज्योतिषाचार्य आचार्य हरि कृष्ण शुक्ला बताते हैं-
ज्योतिष के अनुसार, अमावस्या से पूर्णिमा तक चंद्रमा की बढ़ती कलाएँ (शुक्ल पक्ष) आध्यात्मिक उन्नति के लिए श्रेष्ठ मानी जाती हैं। माघ स्नान की तिथियाँ इन्हीं कलाओं के संतुलन पर तय की जाती हैं। यह महीना दान, तपस्या, कल्पवास, स्नान और पूजा-अर्चना के लिए अत्यंत पवित्र माना गया है। माघ मास में किए गए आध्यात्मिक कार्य व्यक्ति को ऊर्जा, निरोगता और मानसिक शांति प्रदान करते हैं।
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