मौनी अमावस्या के दिन 10 करोड़ श्रद्धालु लगाएंगे डुबकी, कैसे कंट्रोल होगी भीड़?

Published : Jan 24, 2025, 07:33 PM IST
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सार

मौनी अमावस्या पर प्रयागराज में 10 करोड़ से ज़्यादा श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाएंगे। भीड़ और यातायात नियंत्रण के व्यापक इंतज़ाम किए जा रहे हैं। यह महाकुंभ का सबसे महत्वपूर्ण स्नान पर्व है।

प्रयागराज महाकुंभ 2025: उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि महाकुंभ में 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के दौरान प्रयागराज में पवित्र संगम में 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में भीड़ और यातायात के कुशल प्रबंधन के लिए व्यापक उपाय किए जा रहे हैं। कुंभ में स्नान सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान है।

मौनी अमावस्या शुभ

हालांकि मकर संक्रांति से शुरू होने वाले सभी दिनों में संगम में डुबकी लगाना पवित्र माना जाता है। फिर भी कुछ विशेष शुभ स्नान तिथियां हैं, जिन्हें 'अमृत स्नान' (पहले शाही स्नान कहा जाता था) के रूप में जाना जाता है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या महाकुंभ में तीसरी ऐसी शुभ तिथि होगी।

मौनी अमावस्या के अलावा पांच शुभ तिथियां

पहले दो दिन 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) और 14 जनवरी (मकर संक्रांति) थे, जबकि अगले महीने तीन और दिन होंगे - ये तीन दिन हैं 3 फरवरी यानी बसंत पंचमी का दिन सोमवार, 12 फरवरी यानी माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी यानी महाशिवरात्रि।

ऐसे होगा भीड़ पर नियंत्रण

शुक्रवार को एक बयान में राज्य सरकार ने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि श्रद्धालु उसी सेक्टर या जोन से वापस लौटें जहां वे पहुंचे थे और किसी भी परिस्थिति में श्रद्धालुओं को 'संगम नोज या अन्य जोन' में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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सरकार ने दिए आदेश

सरकार ने कहा कि सभी अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, सर्कल अधिकारी, उप-विभागीय मजिस्ट्रेट और सेक्टर मजिस्ट्रेट को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं।

रिकॉर्ड संख्या में पहुंचेंगे श्रद्धालु

इसके अलावा महाकुंभ के सबसे महत्वपूर्ण पर्व के रूप में मौनी अमावस्या इस मेले की व्यवस्थाओं का केंद्र बिंदु है। महाकुंभ को और अधिक भव्य और दिव्य बनाने के योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रयासों के बीच इस वर्ष प्रयागराज में रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालुओं के जुटने की उम्मीद है।"

श्रद्धालुओं को सुविधा दें

सरकार ने कहा, "श्रद्धालुओं की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए 27 से 29 जनवरी तक विभिन्न क्षेत्रों, खासकर 'संगम नोज' में यातायात को न्यूनतम रखने के निर्देश जारी किए गए हैं।" सरकार ने कहा कि श्रद्धालुओं के सुगम आगमन और स्नान के लिए 12 किलोमीटर लंबा घाट तैयार किया गया है।

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निकासी दल तैनात

सरकार ने कहा, "श्रद्धालुओं को उनके प्रवेश बिंदु के सबसे नज़दीकी घाट पर स्नान करने और वहीं से वापस लौटने तथा अन्य क्षेत्रों में न जाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। घाटों पर भीड़भाड़ को रोकने के लिए निकासी दल तैनात किए जाएंगे, क्योंकि श्रद्धालुओं की सुरक्षित निकासी प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी।''

ऐसे नियंत्रित होगी भीड़

सरकार ने कहा कि प्रभावी भीड़ नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए रस्सियों, 'लाउड हेलर', सीटी, उड़नदस्ते और 'वॉच टावर टीमों' जैसे उपाय किए जाएंगे, ताकि कठोर अवरोधों और बैरिकेड्स पर 100 प्रतिशत नियंत्रण सुनिश्चित किया जा सके। मकर संक्रांति के पर्व पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम में स्नान किया और अब महाकुंभ के सबसे बड़े पर्व मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं के त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान करने की उम्मीद है।

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